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'नर्मदा बचाओ आंदोलन' के 12 लोग फिर उपवास पर बैठे - Sabguru News
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‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ के 12 लोग फिर उपवास पर बैठे

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धार/इंदौर। मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में सरदार सरोवर बांध से डूब में आने वालों के हक के लिए बेमियादी उपवास पर बैठीं बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और अन्य छह को भले ही प्रशासन 12वें दिन सोमवार देर शाम बल प्रयोग कर जबरन उठाकर अस्पताल ले जाया गया हो, मगर उसी उपवास स्थल पर 12 लोगों ने फिर उपवास शुरु कर दिया है।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेधा केा स्वास्थ्य के कारणों से अस्पताल ले जाने की बात कही है। ज्ञात हो कि पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन की मांग को लेकर मेधा अन्य 11 लोगों के साथ 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर थीं।

धार जिले के चिखिल्दा में चल रहे उपवास को विभिन्न दलों से लेकर सामाजिक संगठनों का साथ मिल रहा था। बीते 12 दिनों में सभी उपवास करने वालों की तबियत में लगातार गिरावट आ रही थी।

सोमवार की सुबह से पुलिस प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई थी। भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ मौके पर एंबुलेंस भी ले जाई गई थी। आंदोलनकारियों को प्रशासन की गतिविधियों पर शक होने लगा था और चिखल्दा के उपवास स्थल पर लगातार भीड़ बढ़ने लगी थी।

शाम होने तक प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर धार के जिलाधिकारी श्रीमन शुक्ला ने मेधा से कई बार बात की और उनसे उपवास को खत्म करने को कहा, मगर ऐसा नहीं हुआ तो शाम ढलते ही मेधा व अन्य को मौके पर मौजूद लोगों के विरोध के बावजूद जबरन उठाया गया।

आंदोलन के कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि पुलिस ने उपवास करने वालों को जबरन उठाकर ले जाने का विरोध करने वालों पर जमकर लाठीचार्ज किया और पंडाल व मंच को तोड़ दिया। पुलिस के दमनकारी कार्य के बाद भी आंदोलनकारियों का उत्साह कम नहीं हुआ है। अब चार पिछले और आठ नए कुल मिलाकर 12 लोग फिर उसी स्थान पर उपवास पर बैठ गए हैं।

इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे ने मंगलवार को बताया कि मेधा को बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, अन्य को इंदौर के एमवाय अस्पताल और धार के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।

वहीं मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार की रात को मेधा को अस्पताल ले जाए जाने के बाद कई ट्वीट किए। इनमें कहा गया है कि मेधा जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं। मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं। चिकित्सकों की सलाह पर मेधाजी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरतार नहीं किया गया है।

चौहान अन्य ट्वीट में लिखा है कि, ‘मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूं और मैं सरदार सरोवर बांध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्घ हूं। विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने नर्मदा पंचाट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के साथ 900 करोड़ का अतिरिक्त पैकेज देने का काम किया। सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले, हर संभव प्रयास किया गया है और यह प्रयास जारी है।

मुख्यमंत्री चौहान के ट्वीट पर ट्वीट के जरिए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा , 13 साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह उपलब्धि है कि उन्हें कहना पड़ रहा है कि वे संवेदनशील हैं।

मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने पहले भी अपनी चिंता जताई थी और उनके उपवास खत्म करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही उन्होंने इंदौर के संभागायुक्त संजय दुबे, अपर सचिव चंद्रशेखर बोरकर के साथ भय्यूजी महाराज को शनिवार को मेधा से संपर्क करने भेजा था, मगर बात नहीं बनी थी।

ज्ञात हो कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था। जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही हैं, वहां सुविधाओं का अभाव है। लिहाजा डूब में आने वाले गांव के अधिकांश लोग उन बस्तियों में जाने को तैयार नहीं है।