नई दिल्ली । लोकसभा में शुक्रवार को वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित 122 वां संविधान संशोधन विधेयक पेश कर दिया गया है। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष करों की एक जैसी प्रणाली को स्थापित करने के उद्देश्य से सरकार ने इसे पेश किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में इस बिल को पेश करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी एस टी) की नयी प्रणाली से राज्यों को राजस्व का किसी प्रकार का घाटा नहीं होगा। वास्तव में इससे राज्यों का राजस्व पहले से बढेगा।
उन्होंने कुछ विपक्षी सदस्यों की इन आशंकाओं को निर्मूल बताया कि नयी कर प्रणाली से देश के संघीय विधेयक में शराब और पेट्रोलियम पदार्थों पर करों के अलावा सभी अप्रत्यक्ष करों को एकमुश्त रूप से जी एस टी में शामिल करने का प्रावधान है। इससे पूरे देश में माल की आवाजाही सुगम हो जाएगी तथा एक राष्ट्रीय बाजार अस्तित्व में आ जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि पुराने केंद्रीय बिक्री कर (सी एस टी) की 34 हजार करोड रुपये की भरपाई राशि का भुगतान राज्यों को यथाशीघ्र किया जाएगा तथा इसकी 11 हजार करोड रु पहली किश्त इसी वित्त वर्ष में जारी कर दी जाएगी।