गुवाहाटी। बारहवां दक्षिण एशियाई खेल (सैग) खेलों का मंच होने के साथ-साथ व्यवसाय के जरिए क्षेत्र में अमन और समृद्धि लाने का भी एक जरिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की शाम को असम की राजधानी गुवाहाटी में सैग के रंगारंग समारोह में खेलों के उद्घाटन की घोषणा करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इन खेलों से प्रतिभागी खिलाड़ियों में आपसी तालमेल मजबूत होगा। उन्होंने खचाखच भरे इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम में अपने संबोधन में कहा कि खेल व्यवसाय, बातचीत और खेल गतिविधियों के जरिए क्षेत्र में अमन और समृद्धि लाने का जरिया हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इन 12 दिनों में आप जो मित्रता बनाएंगे, वे यादें ताउम्र आपके साथ रहेंगी। खेलों के मैदान पर हम आपसी अंतर भूल जाते हैं और खेल भावना तथा रोमांच से एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। मोदी ने कहा कि ये खेल क्षेत्र के लिए विकास के मौकों की तलाश का एक मौका है। उन्होंने कहा कि सभी दक्षिण एशियाई देश विकास के सफर में हमारे साझेदार है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के लिए भी मेरा नजरिया वही है जो भारत के लिए है- सबका साथ, सबका विकास। उन्होंने कहा कि ये खेल दक्षिण एशियाई देशों की एकजुटता का जश्न है । यह तीन टी का संगम है- टीमवर्क, टुगैदरनेस और टैलेंट।
मोदी ने कहा कि व्यक्ति के विकास के लिए खेल जरूरी है। मोदी ने कहा कि मैं अपने पड़ोसी देशों के खिलाड़ियों और सार्क देशों के भाई-बहनों के बीच आकर बहुत गौरवान्वित हूं। आपकी मौजूदगी और खेलों के लिए उत्साह से मैं काफी प्रभावित हूं। उन्होंने कहा कि हमारे बीच दक्षिण एशिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं।
यह खेल सभी दक्षिण एशियाई देशों की एकजुटता का द्योतक हैं। खेलभावना सिर्फ मैदान पर ही नहीं बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं में भी आपके काम आएगी। मैं हमेशा कहता हूं कि जो खेले, वो खिले। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन खेलों से सभी प्रतिभागी देशों के बीच पर्यटन और व्यवसाय के मौके बढेंगे।
इन खेलों में मेजबान भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के ढाई हजार एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी ने प्रयाग ज्योतिषपुर के समय से एक लंबा सफर तय किया है और आज एक आधुनिक शहर बन गया है। भारत ने 2017 में अंडर-17 फुटबॉल विश्वकप की भी मेजबानी करनी है जिसमें गुवाहाटी एक प्रमुख स्थल रहेगा।
प्रधानमंत्री के इन खेलों का औपचारिक रूप से उद्घाटन किए जाने के बाद निशानेबाज गगन नारंग, हॉकी कप्तान रितु रानी, डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया, अर्जुन अवार्डी भोगेश्वर बरुवा, अंजू बॉबी जार्ज, टेबल टेनिस खिलाड़ी मोनालिसा बरुआ इन खेलों की मशाल को लेकर स्टेडियम में आगे बढ़ते हुए पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान और पूर्वोत्तर के लाडले बाइचुंग भूटिया ने मशाल को संभाला और इन खेलों की ज्योति को प्रज्ज्वलित किया।
प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले आठों देशों के एथलीटों ने खचाखच भरे स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शानदार मार्च पास्ट किया। स्टेडियम में उस समय इन खेलों का थीम सांग बज रहा था और स्टेडियम के हर कोने से रंग बिरंगी रोशनी से समां बांध रखा था।
भारत की तरफ से स्क्वैश खिलाड़ी सौरभ घोषाल ने खेलों को खेल भावना से खेलने की खिलाड़यिों की तरफ से शपथ ली। उस समय आठों देशों के ध्वजवाहक वहां मौजूद थे।
इन खेलों का शुभंकर एक शिशु गैंडा है जिसका नाम तिखोर है जो बुद्धिमता का प्रतीक है। यह खिलाड़ियों की खेल भावना को भी दर्शाता है।
इन खेलों के लिए सभी आठ सार्क देशों का जल विशेष रूप से यहां लाया गया है। इन सभी देशों के जलों को एक जगह एकत्रित किया गया जिसके बाद इसे असम की जीवनधारा ब्रह्मपुत्र में डाला जाएगा। इन खेलों की ज्योति प्रज्ज्वलित होने के बाद खिलाड़ियों ने शपथ ली और उसके बाद रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। शिलांग में शनिवार को खिलाड़यिों के लिए एक अलग से कार्यक्रम आयोजित होगा।
पांच से 16 फरवरी तक गुवाहाटी और शिलांग में होने वाले इन खेलों में आठ देशों के लगभग 2500 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। सैग खेलों में 23 खेल मुकाबलों में कुल 228 स्पर्धाओं का आयोजन होगा जिसमें 228 स्वर्ण, 228 रजत और 308 कांस्य पदक दांव पर रहेंगे। मेजबान भारत ने इन खेलों में सबसे बड़ा 703 सदस्यीय दल उतारा है।
इसके बाद श्रीलंका (691), नेपाल (485), बंगलादेश (479), पाकिस्तान (471), अफगानिस्तान (214), मालदीव (208) और भूटान (118) का नंबर है। इन खेलों में खिलाडियों और अधिकारियों सहित कुल 3333 लोगों की भागीदारी है जिसमें 1377 पुरुष एथलीट और 1105 महिला एथलीट शामिल हैं।