काठमांडू। नेपाल ने मधेसी आंदोलन के चलते भारत विरोधी तेवर कड़े कर दिए हैं। नेपाल पुलिस ने हथियारों के साथ देश की सीमा में घुसने के आरोप में भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 13 जवानों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ देर बाद जवानों को छोड़ दिया गया।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के निदेशक बीडी शर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,किशनगंज जिले के पास रविवार सुबह सात बजे एसएसबी के जवानों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं एसएसबी सूत्रों ने कहा कि जवानों को नेपाल के आर्म्ड पुलिस फोर्स कैंप में रखा गया था।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि नेपाल ने 42 भारतीय चैनलों पर पाबंदी लगा दी है। काठमांडू के थिएटर्स में भारतीय फिल्मों के शो भी रोक दिए गए हैं।
वहीं न्यूज चैनलों पर बैन लगाने के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है कि भारत की ओर से नेपाल को तेल और अन्य जरूरी सामान की सप्लाई रोके जाने के खिलाफ बढ़ते रोष की वजह से यह कदम उठाया गया है।
नेपाल केबल टेलीविजन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर पाराजुली ने रविवार को बताया कि यह ब्लैकआउट अनिश्चितकाल के लिए है। भारत ने नेपाल की संप्रभुता में घुसपैठ की है, इसीलिए हमने भारतीय चैनलों का प्रसारण बंद कर दिया है।
उधर,नेपाल में भारतीय दूतावास ने रविवार को इन खबरों का खंडन किया कि कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने उनके एक वाहन को आग के हवाले कर दिया।
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि दूतावास के एक कर्मचारी के निजी वाहन में तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनावश आग लग गयी थी, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
गौरतलब है कि नेत्र बिक्रम चंद के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी के कार्यकर्ताओं ने भारतीय दूतावास का वाहन जलाने का दावा किया था।