ग्वालियर। 14वीं बटालियन के आरक्षक के आत्महत्या के प्रयास के मामले में आईपीएस ईशा पंत उलझती नजर आ रही है। आरक्षक की मदद के लिए एनजीओ ने आईपीएस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आईपीएस पर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय के साथ मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत की है।
14वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक रमेश चंद मौर्य ने छुट्टी न मिलने पर सल्फास खा लिया था। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आरक्षक की हालत अब खतरे के बाहर है। जबकि इस मामले ने और तूल तब पकड़ लिया जब आईपीएस अफसर ईशा पंत की शिकायत मानवाधिकार आयोग से कर दी गई।
जनजागृति फाउंडेशन ने इस मामले में आरक्षक रमेश चंद मौर्य के मामले को मानव अधिकारों का हनन बताया है। इस मामले में डीजीपी और मानवाधिकार आयोग से कहां है कि आरक्षक पारिवारिक स्थिति बेहद खराब है। ऐसे में मानवीय आधार पर उसे छुट्टी दी जा सकती थी। जबकि अफसरों ने इसे नजर अंदाज कर दिया। गौरतलब है कि आईपीएस ग्वालियर से रवाना हो रही है। उन्हें भारत सरकार ने कर्नाटक कैडर में भेजा है।
इनका कहना है
इस मामले को लेकर हमने पुलिस विभाग के आला अफसरों के साथ ह्युमन राइट कमीशन को भी शिकायत की है। इस मामले यदि आईपीएस के खिलाफ कार्रवाई करने में लीपापोती की गई तो हम कोर्ट की शरण लेंगे।
गौरव पांडे जनजागृति फाउंडेशन