नवसारी। ऐतिहासिक दांडी नमक सत्याग्रह स्मारक का सपना अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र से तैयार होकर आई महात्मा गांधी की पंचधातु की प्रतिमा को देख दांडी के ग्रामीणों में उत्साह रहा। भारत सरकार की ओर से ऐतिहासिक दांडी कूच को वैश्विक फलक पर रखने से कुछ वर्षों पूर्व गांधी मेमोरियल प्रोजेक्ट शुरू किया था।
भारत की आजादी में दांडी मार्च नींव का पत्थर साबित हुआ था। इसे लेकर नवसारी जिले का दरिया किनारे बसा दांडी गांव देश-दुनिया में प्रसिद्ध हुआ। आजादी के इस साक्ष्य को वैश्विक फलक पर रखने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2005 में दांडी को गांधी मेमोरियल प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई। इसके तहत दांडी के दरिया किनारे सैफी विला के सामने 15 एकड़ जमीन में 35 करोड़ रुपए की लागत से नमक सत्याग्रह स्मारक तैयार करने का जिस्मा भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय को दिया गया था। वहीं इस स्मारक के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी गठित की गई। सांस्कृतिक मंत्रालय ने स्मारक का खाका तैयार करने से लेकर उसे जीवंत करने का जिम्मा मुंबई आईआईटी को दिया था। लेकिन स्मारक के निर्माण में विभिन्न सरकारी एजेन्सियों के बीच तालमेल नहीं बैठने के कारण 8 वर्ष का समय बीत गया।
वहीं अब नमक सत्याग्रह स्मारक का सपना सच होता नजर आ रहा है। मुंबई आईआईटी ने स्मारक का खाका तैयार कर उसके अनुरूप उसे जीवंत करने की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत स्मारक में महात्मा गांधी की मुख्य प्रतिमा तैयार होकर नवसारी पहुंच गई है। बुधवार सुबह ट्रक में लाई गई प्रतिमा का वजन अधिक होने से राज्य मार्ग-मकान विभाग के अधिकारियों ने क्रेन की मदद से नीचे उतरवाया और उसे दांडी के विनय मंदिर में रखा है। जिसे स्मारक के तैयार हो जाने के बाद स्थापित कर दिया जाएगा। इस मौके पर विनय मंदिर के छात्रों ने गांधी गीत गाए और डॉ. कालू डांगर ने प्रतिमा लेकर आए शिल्पकार, मुंबई आईआईटी के अधिकारी और अन्य लोगों का आभार जताया।
दमकेगा नमक सत्याग्रह स्मारक
दांडी में आकार लेने जा रहा नमक सत्याग्रह स्मारक तेजोमय होगा। जो विश्व को गांधी साहस का संदेश देगा। स्मारक में पुस्तकालय और एक तालाब बनाया जाएगा। तालाब के बीच 35 मीटर ऊंचा हाथनुमा पिरामिड बनाया जाएगा, जो आकाश को छुएगा और उस पर नमक के स्फटिक रखे जाएंगे। इसके नीचे नवनिर्मित पंचधातु की प्रतिमा को रखा जाएगा। जिसे दरियाई हवामान के अनुसार बनाया गया है। सुबह सूर्य के प्रकाश से स्मारक चमकेगा और रात में स्मारक के आस-पास लगी सोलर लाइटों से पिरामिड पर लगा स्फटिक चमक उठेगा, जो दिवादांडी बनेगा। वहीं साबरमती आश्रम से दांडी तक चले मुख्य 80 यात्रियों की प्रतिमाएं भी बनेगी, जिससे समग्र दांडी मार्च को जीवंत करने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ बगीचा, पार्किंग व अन्य सुविधाएं मिलाकर नमक सत्याग्रह स्मारक को वैश्विक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा।