![शीतकालीन सत्र : संसद में डेढ़ दशक में सबसे कम हुआ काम शीतकालीन सत्र : संसद में डेढ़ दशक में सबसे कम हुआ काम](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/12/winjdsa.jpg.jpg)
![15 year record unproductivity in Parliament this Winter session for both Houses](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/12/winjdsa.jpg.jpg)
नई दिल्ली। संसद का पूरा शीतकालीन सत्र नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस मुद्दे को लेकर शीतकालीन सत्र में जितना हंगामा हुआ है उतना पिछले 15 सालों में नहीं हुआ। इस हिसाब से संसद का यह सत्र पिछले 15 सालों में सबसे कम कामकाजी सत्र रहा।
सत्र के दौरान लोकसभा में काम का प्रतिशत 15.75 रहा तो राज्यसभा में यह 20.61 प्रतिशत था। वहीं प्रश्न काल में लोकसभा में 11 प्रतिशत सवालों के जवाब दिए गए तो राज्यसभा में 0.6 प्रतिशत सवालों का जवाब दिया गया।
सत्र के दौरान लोकसभा में आयकर संशोधन बिल बिना किसी बहस के पास हो गया लेकिन राज्यसभा में इसे पेश ही नहीं किया गया। दोनों सदनों में सिर्फ दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों वाला विधेयक ही पारित हो सका।
दोनों सदनों में इतना कम काम होने पर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के चेयरमैन हामिद अंसारी ने खेद प्रकट किया। शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हुआ था।
कामकाज के घंटों का हिसाब लगाया जाए तो लोकसभा ने हंगामे की वजह से 92 घंटे खोए और सिर्फ 19 घंटे काम किया। वहीं राज्यसभा ने 86 घंटे हंगामे में गंवाए और 22 घंटे काम किया।
दोनों सदनों में हंगामे की वजह नोटबंदी रही। इसके अलावा विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में ना रहने को भी मुद्दा बनाए रहा।
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