नई दिल्ली। 15वें वित्त आयोग ने सोमवार को राष्ट्रीय, राज्य और जमीनी स्तर पर सभी हितधारकों से व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श करने का निर्णय लिया। यह फैसला यहां हुई आयोग की पहली बैठक में किया गया।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विश्लेषणात्मक पत्रों, अग्रणी अनुसंधान संगठनों के विश्लेषण पत्रों, शैक्षणिक संस्थानों से सलाह के साथ ही अग्रणी थिंक-टैंकों और डोमेन ज्ञान विशेषज्ञों के साथ बातचीत की जरूरत है।
यह घोषणा 27 नवंबर को गठित आयोग की यहां नार्थ ब्लॉक में हुई पहली बैठक में की गई, जिसकी अध्यक्षता एनके सिंह ने की और इस बैठक में सभी सदस्य शामिल हुए। बैठक से पहले सिंह और अन्य सदस्यों ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि आयोग इस बात पर सहमत था कि उसे विस्तृत दायरे में कार्य सौंपा गया है, जिसका उचित समाधान करना होगा।
बयान में कहा गया है कि बैठक में आयोग के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, पंचायतों और प्रत्येक राज्य की राजनीतिक पार्टियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर तत्काल विचार-विमर्श की आवश्यकता महसूस की गई।
आयोग ने सभी विचारार्थ विषयों के समाधान के लिए विश्लेषण करने और देश के शोध संस्थानों की मदद लेने की जरूरत पर बल दिया।
आयोग ने अपने कामकाज में शीर्ष विचारकों और विशेषज्ञों की मदद लेने के प्रति उत्सुकता व्यक्त की है। आयोग ने अपना कार्यालय नई दिल्ली में जनपथ स्थित जवाहर व्यापार भवन में स्थापित करने की मंजूरी दे दी है।