मेरठ। सोलह बच्चों के यौन शोषण के बाद निर्मम हत्या करने वाले सुरेन्द्र कोली को मेरठ जेल में आगामी सात से 13 सितम्बर के बीच फांसी दी जाएगी। नोएडा के पास निठारी के बहुचर्चित 16 बच्चों की सिलसिलेवार यौनशोषण के बाद हत्या करने का दोषी सुरेन्द्र कोली के बाद हत्या करने का दोषी सुरेन्द्र कोली को पांच मामलों में हत्या की सजा सुनाई गई है जबकि 17 अभी भी लम्बित है।…
जेल विभाग के महानिरीक्षक आरआर भटनागर ने बताया कि कोली को सात से 13 सितम्बर के बीच फांसी पर चढ़ाया जाएगा। सजा की निश्चित तिथि जल्दी ही तय कर ली जाएगी। कोली को फांसी देने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पवन नामक जल्लाद से फांसी चढ़ाए जाने की सम्भावना है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि पवन ने मेरठ जेल के फांसीघर के प्लेटफार्म का निरीक्षण किया। रस्से की खरीद एक दो दिन में हो जाने की सम्भावना है। मेरठ जेल में 39 साल बाद किसी को फांसी होगी। वहां अंतिम फासी 1975 में मुजफ्फरनगर के कर्ण सिंह को हुई थी।व् कोली को यदि फांसी होती है तो मेरठ जेल में यह 18वीं फांसी होगी।
बताया जा रहा है कि जल्लाद पवन पहली बार किसी को फांसी देगा लेकिन इससे पहले उसके पिता ममू 12 लोगों को फांसी के तख्त पर चढ़ा चुके हैं। पवन के दादा कल्लू ने दिल्ली के दो मासूमों गीता और संजय चोपडा के हत्यारों रंगा बिल्ला को फांसी दी थी। कल्लू ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह को भी फांसी दी थी।
कोली 14 वर्षीय किशोरी रिम्पा हलदर की निर्मम हत्या का दोषी पाया गया है। कोली का डेथ वारण्ट गाजियाबाद के अतिरिक्त सेशन जज अतुल कुमार गुप्त ने बुधवार को जारी कर दिए थे। कोली को सुप्रीमकोर्ट तक राहत नहीं मिली। राष्ट्रपति ने भी गत 27 जुलाई को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी।
42 वर्षीय कोली को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारण्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है ताकि इसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सकें। कोली को चार अन्य मामलों में भी फांसी की सजा सुनाई गई थी। कोली के खिलाफ 11 और मामले लम्बित हैं। सीबीआई ने उसके खिलाफ यौन शोषण के बाद 16 बच्चों की हत्या किए जाने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था।
यह सनसनीखेज मामले उस समय प्रकाश में आए जब दिसम्बर 2006 में एक लड़की के गायब हो जाने की रिपोर्ट पुलिस में लिखाई गई। इस लड़की के गायब करने का आरोप कोली पर लगा था। जांच के दौरान कोली की निशानदेही पर एक नाले से बच्चों के कंकाल बरामद हुए थे। कोली नाले के पास स्थित मोहिन्दर सिंह पंढेर के घर में नौकर था।
नोएडा के निठारी कांड से तत्कालीन सरकार हिल गई थी। राज्यमें राजनीतिक भूचाल सा आ गया था। कोली को सन् 2005 में हुई रिम्पा हलदर हत्याकांड में स्थानीय अदालत से सुनाई गयी फांसी की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। पन्द्रह फरवरी 2011 को सुप्रीमकोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फै सले पर अपनी मुहर लगा दी।
मोहिन्दर सिंह पंढेर को भी रिम्पा हलदर मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी हालांकि उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है उस पर चल रहे अन्य मामलों में जमानत लेकर वह इस समय जेल से बाहर है। कोली पर कुल 16 मामले दर्ज थे। पांच में उसे फांसी की सजा सुनाई गई है और 11 मामले लम्बित हैं। कोली गाजियाबाद के डासना जेल में बन्द है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि कोली ने बच्चों की शृंखलाबद्ध हत्याएं की हैं। उसे सजा मिलनी ही चाहिए। वह दया का हकदार नहीं है।