सबगुरू न्युज उदयपुर। भारतीय पैरालिम्पिक कमेटी, नारायण सेवा संस्थान, पैरा स्पोट्र्स एसोसिएशन राजस्थान एवं महाराणा प्रताप खेलगांव सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में 5 से 7 नवम्बर तक महाराणा प्रताप खेलगांव तरणताल पर होने जा रही 17वीं राष्ट्रीय पैरा स्वीमिंग चैम्पियनशिप की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस आयोजन में देश के कई नामी पैरालिम्पिक स्विमिंग स्टार्स को हौसलों के समंदर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर अचंभित करेंगे।
राजस्थान सहित दिल्ली, चंडीगढ, गोआ, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडू, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों व पीसीआई आंध्रप्रदेश, बीएसएफ, चंडीगढ टीमों के खिलाडिय़ों व ऑफिशियल्स के आने का सिलसिला शुक्रवार से शुरू हो गया।
आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि झीलों की नगरी में पहली बार हो रहे इस ऐतिहासिक आयोजन में शिरकत करने व दिव्यांग तैराकों के अदम्य साहस व हौसलों, जुनून को देखने के लिए खेलप्रेमियों में भारी उत्साह है। शहर में जगह-जगह होर्डिंग लगाए गए हैं, 20 से अधिक आयोजन समितियों ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टेण्ड व एरोड्रम पर उनकी सहायता के लिए कार्यकर्ता व्हील चेयर सहित मौजूद रहेंगे। आयोजन स्थल तरणताल एवं तैराकों के आवास बेरियरर्स फ्री रखे गए हैं।
खिलाडिय़ों के ठहरने के स्थान से लेकर आयोजन स्थल खेलगांव तक पैरा स्विमर्स की सुविधा के लिए नए रैम्प बनाए गए हैं। चैम्पियनशिप में विभिन्न राज्यों से लगभग 323 तैराक (247 पुरुष व 76 महिलाएं) भाग लेंगे। तैराकी के इस राष्ट्रीय महाकुंभ में स्वागत समिति, आवास, वाहन, भोजन, प्रोटोकोल, टेंंट, पेयजल, विद्युत, सफाई, प्राथमिक उपचार आदि समितियां अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रही हैं। खेलगांव पूल पर टेंट लगवाए गए हैं और खिलाडिय़ों के बैठने, आराम करने व भोजन आदि के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। खेलप्रेमियों की सुविधा के लिए पूल साइड पर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है जिस पर सभी इवेंट्स का सजीव प्रसारण किया जाएगा। खेलगांव ग्राउंड में लाइटिंग व पार्किंग की खास व्यवस्था की गई है। राजस्थान में राष्ट्रीय तैराकी पैरालिंपिक चैम्पियनशिप दूसरी बार और उदयपुर मे पहली बार आयोजित की जा रही है।
चैम्पियनशिप के तकनीकी निदेशक डॉ. वी.के. डबास ने बताया कि 50 कोच व 30 तकनीकी अधिकारी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए उदयपुर आएंगे। चैम्पियनशिप में विभिन्न श्रेणियों में 360 तैराकी स्पर्धाएं होंगी। सीनियर वर्ग (19 वर्ष या उससे अधिक), जूनियर वर्ग (15-18 वर्ष आयु वर्ग), सब जूनियर (10 से 14 वर्ष आयु वर्ग) तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग श्रेणी में (एस 1- एस 10) कुल 10 दिव्यांग वर्ग, नेत्रहीन श्रेणी में (एस 11- एस 12 ) दो वर्ग होंगे जबकि मानसिक दिव्यांग श्रेणी में एस 14 वर्ग होगा। प्रतियोगिता मानक अन्तरराष्ट्रीय तैराकी नियमों के आधार पर होगी जिसमें भारत में पहली बार सही समय व दूरी के मानक मापन के लिए ऑटोमेटिक ऑफिशिएटिंग इक्विपमेंट (एओपी) का उपयोग किया जाएगा।
आयोजन समिति के उपाध्यक्ष ललितसिंह झाला ने बताया कि इस तरह के अयोजन से खिलाडिय़ों का तो हौसला बढ़ता ही है मगर उससे ज्यादा हौसला अफजाई खेल प्रेमियों की होती है। चैम्पियनशिप में अखिल भारतीय, अन्तरराष्ट्रीय तैराक, अर्जुन पुरस्कार विजेता व राज्यस्तरीय स्पर्धाओं के विजेता तैराक हिस्सा ले रहे हैं। चैम्पियनशिप के रेफरी बेंगलूरु के एस.आर सिंधिया व करनाल (हरियाणा) के कंवलजीत सिंह होंगे। टीम चैम्पियनशिप ट्राफी (मास्टर खेमचंद मेमोरियल ट्राफी) उस राज्य को प्रदान की जाएगी जो सर्वाधिक मैडल या अंक हासिल करेगा। तीनों आयु वर्ग के महिला-पुरुष वर्ग में से 6 सर्वश्रेष्ठ तैराक चुने जाएंगे। तरणताल पर तैराकों को सभी आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं।
चैम्पिनयनशिप के सचिव दिनेश उपाध्याय व आयोजन समिति के तकनीकी सचिव महेश पालीवाल ने बताया कि सभी टीमें 4 नवम्बर अपराह्न तक उदयपुर पहुंच जाएंगी। उसी दिन सभी तैराकों का वर्गीकरण करने के साथ ही शाम 4.30 बजे महाराणा प्रताप खेलगांव के तरणताल पर टीम प्रबंधकों व प्रशिक्षकों की बैठक और वेरिफिकेशन होगा। 5 नवम्बर को सुबह 11 बजे तरणताल प्रांगण में चैम्पियनशिप का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीतसिंह करेंगे जबकि अध्यक्षता गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया करेंगे। स्पर्धाएं दोपहर 12 बजे शुरू होंगी। चैम्पियनशिप का समापन समारोह 7 नवम्बर शाम 5 बजे होगा। अगले दिन 8 नवम्बर को टीमें अपने गंतव्य स्थलों के लिए रवाना होंगी।