अजमेर। अजमेर जिले की मसूदा पंचायत समिति का बडली गांव अप्रत्याशित शोक में डूबा हुआ है। बीते डेढ माह में एक के बाद एक 19 मौतों ने ग्रामीणों को गमजदा कर दिया है। मृतकों के शोकसंतृप्त परिजनों के सिर मुंडे चेहरों का आंकडा बढता ही जा रहा है। गुरुवार को तीन साल की बच्ची और 50 साल के वृद्ध का दम टूट गया।
बताया जा रहा है कि डेढ दो माह पहले तक गांव में ऐसी कोई विपदा नहीं थी। अचानक ही न जाने क्या हुआ कि एक, दो तीन, चार और फिर 19 नहीं थमने वाली मौतों का सिलसिला शुरू हो गया। शुरुआत में तो ग्रामीण भी असमंजस में पड गए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
मीडिया रिर्पोटों की माने तो बाद में खुलासा हुआ कि मौतों के पीछे गांव में की जा रही पानी की सप्लाई है। यह सप्लाई पहले बीसलपुर पाइप लाइन के जरिए हो रही थी, लेकिन पाइप लाइन में कई जगह लीकेज होने के बाद सप्लाई गांव के ही पुराने कुएं से होने लगी।
ग्रामीणों की माने तो इन मौते के पीछे जलदाय विभाग द्वारा सप्लाई किया जाने वाला दूषित पानी है। गांववासियों का कहना है कि गांव के ही उस कुएं से सप्लाई किया जा रहा है जिसे खुद जलदाय विभाग ने पीने योग्य नहीं मानते हुए क्रोस का लाल निशान लगा दिया है।
अजमेर के ग्राम बडली में गुरुवार को दो ओर मौत हो जाने से आंकडा बढकर 19 हो गया। ग्रामीण बताते हैं कि जवान मौत अधिक हो रही हैं। इससे पीडित परिवारों पर दुखों का पहाड टूट पडा है।
वार्ड पंच महेन्द्र ने बताया कि मौतों का न थमने वाला सिलसिला बदस्तूर जारी है लेकिन सरकारी स्तर पर सच स्वीकारने को कोई विभाग तैयार नहीं है। जलदाय विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश में लगा है। हां, मामला उजागर होने के बाद गांव के कुएं से दी जा रही पानी सप्लाई जरूर बंद कर दी गई है।
बहरहाल बडली गांव में एक के बाद एक हो रही मौतों का सच क्या है इस बारे में अधिकारिक रूप से कुछ भी या दस्तावेज सामने नहीं आ रहें हैं। गांववासी पुराने विचारों के होने से उन्होंने 19 मृतकों में से किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया है इससे सरकारी विभागों और अधिकारियों को जवाबदेही से बचने का पूरा अवसर मिल गया।
कोई भी अधिकारिकरूप से दूषित पानी से मौतें होने की पुष्टि करने को तैयार नहीं है, जबकि ग्रामीण चिल्ला चिल्लाकर कर कहते हैं कि मौत की वजह कुएं से सप्लाई किया गया पानी है।