मुंबई। बजट पेश करते समय किसानों की कर्ज माफी को लेकर विधानमंडल में उत्पात मचाने वाले 19 विधायक निलंबित विधायकों को नौ माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसमें 10 कांग्रेस के हैं तो 9 राकांपा विधायक हैं।
गौरतलब है कि भाजपा सरकार के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार जब बजट पेश कर रहे थे तो किसानों की कर्जमाफी को लेकर विधिमंडल में कांग्रेस व राकांपा विधायकों ने सदन न चलने देते हुए जमकर उत्पात मचाया।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे मान लिया गया।
निलंबित विधायकों में अमर काले – कांग्रेस, आर्वी-वर्धा, विजय वडेट्टीवार- कांग्रेस, ब्रह्मपुरी-चंद्रपुर, हर्षवर्धन सकपाळ – कांग्रेस, बुलडाणा, अब्दुल सत्तार – कांग्रेस, सिल्लोड-औरंगाबाद, डी.पी. सावंत – कांग्ंदेड उत्तर, संग्राम थोपटे – कांग्रेस, भोर- पुणे,अमित झनक – कांग्रेस, रिसोड-वाशिम, कुणाल पाटील – कांग्रेस, धुले ग्रामीण,राहुल बोंद्रे – कांग्रेस चिखली-बुलडाणा, जयकुमार गोरे – कांग्रेस, माण-सातारा का समावेश है।
इसी तरह राकांपा के निलंबित विधायकों में भास्कर जाधव – राष्ट्रवादी कांग्रेस- गुहाघर-रत्नागिरी, जितेंद्र आव्हाड – राष्ट्रवादी कांग्रेस, कळवा-ठाणे, मधुसूदन केंद्रे – राष्ट्रवादी कांग्रेस, गंगाखेड-परभणी, संग्राम जगताप – राष्ट्रवादी कांग्रेस, अहमदनगर, अवधूत तटकरे – राष्ट्रवादी कांग्रेस, श्रीवर्धन-रायगढ, दीपक चव्हाण – राष्ट्रवादी कांग्रेस, फलटण – सातारा, नरहरी जिरवाळ – राष्ट्रवादी कांग्रेस दिंडोरी-नाशिक, वैभव पिचड- राष्ट्रवादी कांग्रेस, अकोला – अहमदनगर, दत्तात्रय भरणे – राष्ट्रवादी कांग्रेस, इंदापुर-पुणे का समावेश है।
इन सभी विधायकों को नौ माह के लिए अर्थात 31 दिसम्बर तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन निलंबित विधायकों ने विधानमंडल के सभागृह में हंगामा किया, बैनर लहराया, नारेबाजी की, सदन की अवमानना की और बजट की प्रतियों को जलाने का कार्य किया था।