बुडापेस्ट। हंगरी के महान फुटबाल खिलाड़ी जेनो बुजांस्की का अंतिम संस्कार शुक्रवार को कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार कार्यक्रम में प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान ने भी हिस्सा लिया।
बुजांस्की का निधन 11 जनवरी को हुआ था। वह 89 साल के थे। वह 1950 के दशक में “माइटी मैगयार्स” नाम से मशहूर हंगरी की टीम के सदस्य थे। बुजांस्की ने 1952 ओलम्पिक में बतौर राइट बैक हिस्सा लिया था।
इस साल हंगरी की टीम ने स्वर्ण जीता था। इसी तरह “शताब्दी का मुकाबला” कहे जाने वाले मैच में हंगरी ने वेम्बले स्टेडियम में 1953 में इंग्लैंड को 6-3 से हराया था। जेनो उस मैच में भी खेले थे।
इसी तरह जेनो 1954 विश्व चैम्पियनशिप का फाइनल खेलने वाली टीम का भी हिस्सा थे। हंगरी को हालांकि उस मैच में पश्चिम जर्मनी के हाथों 2-3 से हार मिली थी। इस तरह जर्मनी ने हंगरी के पांच साल के वर्चस्व को खत्म किया था।
वर्ष 2006 में उस गोल्डन टीम के स्ट्राइकर फेरेनेक पुस्कास और बीते साल जून में गोलकीपर गुएला ग्रोसिस के निधन के बाद जेनो अंतिम जीवित खिलाड़ी बचे थे।