मुंबई। महराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने गुरुवार को दो दोषियों को मौत की सजा और अबु सलेम एवं एक अन्य दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष अदालत ने एक अन्य दोषी रियाज सिद्दिकी को 10 साल की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक दीपक साल्वे ने बताया कि विशेष न्यायाधीश जीए सेनेप ने धमाके में संलिप्तता के लिए दोषी मोहम्मद ताहेर मर्चेट एवं फिरोज खान को मौत की सजा सुनाई है।
उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने अबु सलेम व करीमुल्लाह खान को उम्रकैद की सजा सुनाई है वहीं एक अन्य दोषी रियाज सिद्दिकी को 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।
साल्वे ने संवाददाताओं से कहा कि विशेष न्यायाधीश ने हत्या, हथियारों एवं गोला-बारूद की आपूर्ति, धमाके का षडयंत्र रचने जैसे गंभीर अपराधों में दोषियों पर जुर्माने भी लगाए हैं।
सभी छह दोषियों को विशेष अदालत ने 16 जून को दोषी करार दिया था जिसमें से एक मुस्तफा दोसा की 28 जून को मौत हो चुकी है।
यह बहुप्रतीक्षित फैसला 12 मार्च,1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के 24 वर्ष और विशेष अदालत द्वारा मामले में शामिल लोगों को दोषी करार दिए जाने के लगभग 80 दिन बाद आया है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई उस वक्त दहल उठी थी जब 12 मार्च 1993 को यहां विभिन्न जगहों पर सिलसिलेवार 13 बम धमाके हुए थे। घटना में 257 लोग मारे गए थे और 700 अन्य घायल हो गए थे।
अपराधियों ने एयर इंडिया इमारत, बांबे स्टॉक एक्सचेंज, जावेरी बाजार, तब पांच सितारा होटल होटल सीरॉक और होटल जुहू सेंटॉर को निशाना बनाया था। हादसे में क्षतिग्रस्त निजी और सरकारी संपत्तियों की कीमत 27 करोड़ रुपये आंकी गई थी।