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2 day Heart of Asia meet in amritsar
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हार्ट ऑफ एशिया में आतंक पर पाकिस्तान को घेरेगा भारत

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हार्ट ऑफ एशिया में आतंक पर पाकिस्तान को घेरेगा भारत
2 day Heart of Asia meet in amritsar
2 day Heart of Asia meet in amritsar
2 day Heart of Asia meet in amritsar

नई दिल्ली। दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरूआत यहां हो चुकी है। इसकी अध्यक्षता अफगानिस्तान और सह-अध्यक्षता भारत कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

सम्मेलन भारत को आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने का एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा। इसमें अफगानिस्तान का समर्थन मिलने की उम्मीद है क्योंकि वह भी लगातार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार बनता रहा है।

यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान की तरफ से भारत में सेना के शिविर पर दो आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया गया जिसमें कई सैनिक मारे गए।

इसके अलावा सीमा पर भी भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर है और लगातार गोलाबारी जारी है। इन घटनाओं को लेकर हार्ट ऑफ एशिया में भारत सीमा-पार आतंक पर पाक को घेरने और उसको बेनकाब करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान के समर्थन में भारत। छठे मंत्री स्तरीय सम्मेलन से पहले हार्ट ऑफ एशिया के वरिष्ठ अधिकारियों की अमृतसर में बैठक।

वरिष्ठ अधिकारियों की इस बैठक की सह अध्यक्षता भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और अफगानिस्तान के उप विदेश मंत्री हिकमत करजई कर रहे हैं।

दूसरे दिन चार दिसम्बर को छठे मंत्री स्तरीय सम्मेलन का आयोजन होगा जिसका उद्घाटन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। मंत्रीस्तरीय सम्मेलन की सह अध्यक्षता अफगानिस्तान के विदेश मंत्री और भारत के वित्त मंत्री करेंगे।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अस्वस्थ होने के चलते वित्त मंत्री अरूण जेटली भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज सहित लगभग 40 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान तथा भारत के बीच द्विपक्षीय वार्ता का कोई प्रस्ताव नहीं है।

इससे पहले राजधानी में भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शायदा मोहम्मद अब्दाली ने हाल ही में नगरोटा में सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा था कि हार्ट आफ एशिया सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी और अफगानिस्तान द्वारा तैयार आतंक विरोधी मसौदे को मंजूरी देने की पूरी कोशिश की जाएगी।

शायदा मोहम्मद अब्दाली ने कहा कि आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। खासकर भारत और अफगानिस्तान के लिए। जब तक हम इसका कोई सामूहिक उपाय नहीं ढूढ़ेंगे, तब तक इस समस्या को समाप्त नहीं किया जा सकता। न ही अफगानिस्तान या किसी भी देश में शांति एवं स्थिरता लाई जा सकती है।

हार्ट आफ एशिया के आयोजन का यह समय सबसे सही है जब हमें चर्चा करना का मौका मिलेगा कि किस प्रकार इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता लाई जा सके।

सम्मेलन में काउंटर आतंकवाद ढांचे को मंजूरी देने के लिए अफगानिस्तान ने सदस्य देशों के बीच विचार – विमर्श करने के लिए एक मसौदा वितरित किया। सम्मेलन में इस मसौदे को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की तरफ से हाल के दिनों में सेना पर आतंकी हमले हो रहे हैं। उड़ी और नगरोटा इसके ताज़ा उदाहरण हैं। जम्मू-कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे।

वहीं नगरोटा के सेना के शिविर पर हुए हमले में सात जवान शहीद हुए थे। उरी के बाद भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने करने का आह्वान किया था जो कि इस सम्मेलन में भी जारी रहेगा।

भारत कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता आया है कि पाकिस्तान सीधे तौर पर आतंकवाद को पोषित कर रहा है और उसका समर्थन कर रहा है। इसके साथ ही सीमा-पार आतंकवाद को पाकिस्तान ने अपनी नीति में शामिल कर लिया है। इससे पीड़ित भारत ही नहीं बल्कि और भी कई देश हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी विदेश यात्राओं में सभी देशों से एकजुट होकर आतंकवाद और इसका समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील भी की। भारत काफी हद तक पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर इस क्षेत्र में अलग-थलग करने में सफल भी रहा है।

उड़ी हमले के बाद इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले सार्क सम्मेलन का भारत ने बहिष्कार किया और सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका सहित कई देशों ने भारत का समर्थन करते हुए सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया और मजबूरन पाकिस्तान को सम्मेलन स्थगित करना पड़ा।