श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के बांदीपोरा जिले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया और इस दौरान वायुसेना के दो कमांडो शहीद हो गए।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि हाजिन इलाके के पारीबल गांव में हुई इस मुठभेड़ में सेना के चार जवान घायल भी हुए हैं।
कालिया ने कहा कि अभियान के अनुभव और प्रशिक्षण के लिए सेना के साथ कार्रवाई में शामिल हुए दो गरुड़ जवान शहीद हो गए। चिनार कॉर्प्स के कमांडर और सभी कर्मी शहीदों को सलाम करते हैं और शोकाकुल परिवार के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हैं।
पुलिस ने कहा कि मारे गए दोनों आतंकी 28 सितंबर को सीमा सुरक्षा बल के जवान मुहम्मद रामबन पैरा की हत्या में शामिल थे। पैरा की हत्या उस समय कर दी गई थी, जब वह छुट्टी पर थे और पैरा मोहल्ला गांव में अपने घर जा रहे थे।
पुलिस उपमहानिरीक्षक विर्धी कुमार बिर्दी ने संवाददाताओं से कहा कि मारे गए आतंकियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के अबु बकर उर्फ अली बाबा और नसरुल्ला मीर के रूप में हुई है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस मुठभेड़ को एक गहन अभियान बताया है। प्रारंभिक रपटों में कहा गया था कि मुठभेड़ उस समय शुरू हुई, जब सुरक्षा बलों ने परिबल गांव को घेर लिया। यहां एक घर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी।
सुरक्षा बल जैसे ही उस घर के पास पहुंचे, आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी शुरू की। इस दौरान हुई मुठभेड़ में आईएएफ की एक विशेष इकाई के गुरुड़ कमांडो गंभीर रूप से घायल हो गए, और बाद में दोनों ने दम तोड़ दिया।
अन्य सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। गरुड़ कमांडोज की स्थापना सितंबर 2004 में हुई थी। इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना गया पक्षी गरुड़ का नाम दिया गया है। वायुसेना की इस विशेष इकाई में 1,000 से ज्यादा कमांडो हैं। गरुड़ कमांडो को नौसेना के मार्कोस और सेना के पैरा कमांडो की तर्ज पर प्रशिक्षित किया जाता है।