नई दिल्ली। देश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रोजगार घटने की खबरों का खंडन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि आने वाले चार-पांच वर्षो के दौरान इस सेक्टर में 20 से 25 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैं उन खबरों को पूरी तरह खारिज करता हूं जिनमें कहा गया है कि आईटी सेक्टर में रोजगार में कटौती की बात की गई है। इसमें उल्टे मजबूती आई है। एकबार अर्थव्यवस्था का पूरी तरह डिजिटीकरण हो जाए, फिर आप देखेंगे कि इसमें कितनी तेज प्रगति होगी।
प्रसाद ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियां दुनिया भर के 80 देशों और 200 शहरों में फैली हुई हैं, जो सीधे-सीधे 40 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराती हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर 1.3 करोड़ लोगों को रोजगार देती हैं। चूंकि आईटी सेक्टर विकास के पथ पर है, इसलिए नैसकॉम ने अनुमान जताया है कि आने वाले चार-पांच वर्षो में इस क्षेत्र में 20-25 लाख नौकरियां पैदा होंगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच से सात वर्षो के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 1,000 अरब डॉलर की हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षो के दौरान आईटी सेक्टर में छह लाख लोगों को रोजगार मिला। 2016-17 में 1.7 लाख लोगों को रोजगार मिला। हमारी 2.5 लाख शहरों में साझा सर्विस सेंटर हैं, जिनमें 10 लाख लोग नौकरियां कर रहे हैं।
फॉर्चून की सूची में शामिल शीर्ष 500 देशों के दो-तिहाई देशों में भारतीय आईटी कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं और भारत में प्रत्यक्षत: 40 लाख नौकरियों का सृजन किया है।
हाल ही में दुनिया के 150 देशों के कंप्यूटरों को निशाना बनाने वाले रैनसमवेयर ‘वानाक्राई’ पर प्रसाद ने कहा कि भारत इस फिरौती वायरस के हमले से सबसे कम प्रभावित रहा।