सीवान। सीवान के बाहुबली पूर्व सांसद शाहाबुद्दीन को चर्चित तेजाब कांड में शुक्रवार को तीन अन्य आरोपियों सहित उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा की सुनवाई जेल में गठित विशेष अदालत में हुई।
शहाबुद्दीन को सजा सुनाए जाने को लेकर सीवान में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थें। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गया था।
शहाबुद्दीन पर 302, 201, 364 ए व 120 बी के तहत शहर के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो पुत्रों गिरीश राज व सतीश राज का अपहरण कर तेजाब से नहलाकर हत्या करने व साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाया गया है। वहीं अन्य आरोपित राजकुमार साह, आरिफ व शेख असलम को दफा 302 व 201 से मुक्त करते हुए अपहरण करने का आरोप लगाया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन पर दफा 302 के तहत 20,000 व 364 A के तहत 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया साथ ही अन्य तीनों अभियुक्तों पर भी 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। यानी शहाबुद्दीन व अन्य आरोपितों को अलग-अलग दफा में दोषी करार दिया गया है।
सात साल बाद सामने आया चश्मदीद
6 जून 2011 को अचानक गिरीश व सतीश के बड़े भाई राजीव रौशन ने कोर्ट में खुद को चश्मदीद गवाह बताया और विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। उसने खुलासा किया कि अपहरण दो भाइयों का ही नहीं उसका (राजीव रौशन) भी किया गया था। उसके दोनों भाइयों की हत्या उसकी आंखों के सामने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में शाम के धुंधलके में तेजाब से नहलाकर की गई थी।
हत्या के वक्त जेल में बंद था शहाबुद्दीन
गौरतलब हो कि जब ये घटना हुई तब शहाबुद्दीन सीवान जेल में बंद थे। लेकिन राजीव रौशन ने दावा किया था कि उसके दोनों भाइयों की हत्या उनकी उपस्थिति में ही की गई। चश्मदीद ने यह भी बयान दिया कि वह किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा था और गोरखपुर में लुक छिपकर अपना गुजर-बसर कर रहा था।
राजीव रौशन के इस बयान को तत्कालीन विशेष सत्र न्यायाधीश एसके पाण्डेय की अदालत ने विलंब से दिया बयान बताकर शहाबुद्दीन के खिलाफ मामला चलाने से इनकार कर दिया।
चश्मदीद गवाह की भी हत्या
पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष अदालत में एक मई 2014 को पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन के विरुद्ध हत्या और षड्यंत्र को लेकर नए आरोपों का गठन भारतीय दंड संहिता की धारा 302 एवं 120 बी व 201 के अंतर्गत किया गया।
मामला फिर से सुना जाना था इसी बीच चश्मदीद राजीव रौशन की हत्या 16 जून 14 को सिवान में डीएवी मोड़ पर ओवरब्रिज के पास गोली मारकर कर दी गई।
इस मामले में राजींव रौशन के पिता चन्द्रकेश्वर प्रसाद के बयान पर शहाबुद्दीन के अलावे उनके पुत्र ओसामा के विरुद्ध नगर थाना में प्राथमिकी नगर थाने में कांड संख्या 220/14 के रूप में दर्ज की गई। इस मामले में जमानत का आवेदन उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।