नई दिल्ली। राजधानी की एक अदालत ने गुरुवार को 2005 के पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में 11 पूर्व सांसदों पर आरोप तय किए। इस तरह इन सांसदों पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है।
दिल्ली पुलिस ने अपने आरोपपत्र में जिन 11 पूर्व सांसदों का नाम डाला है उनमें छत्रपाल सिंह लोढ़ा (भाजपा), अन्ना साहेब एम के पाटील (भाजपा), सुरेश चंदेल (भाजपा), प्रदीप गांधी (भाजपा), चंद्र प्रताप सिंह (भाजपा), राम सेवक सिंह (कांग्रेस), मनोज कुमार (राजद), नरेंद्र कुमार कुशवाहा (बसपा), लाल चंद्र कोल (बसपा), वाईजी महाजन (भाजपा) व राजा राम पाल (बसपा) शामिल हैं। इन पर कथित तौर पर पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने का आरोप लगाया गया है।
आरोपियों द्वारा दोषी नहीं होने की दलील दिए जाने के बाद विशेष न्यायाधीश किरण बंसल ने मामले में अभियोजन के गवाहों के बयान की रिकार्डिग शुरू करने की तारीख 12 जनवरी, 2018 तय कर दी।
अदालत ने 10 अगस्त को कहा था कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के आपराधिक साजिश व भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत प्रथम दृष्टया आरोप लगाए गए हैं।
अदालत ने रविंद्र कुमार नाम के व्यक्ति के खिलाफ भी आरोप तय किए, जबकि एक आरोपी के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई क्योंकि वह मर चुका है।
विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि संसद के पूर्व सदस्यों ने अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया। वे कैमरे में एक स्टिंग ऑपरेशन में कैद हो गए जिसमें यह संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे की मांग करते देखे गए थे।