नई दिल्ली। मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य अभियुक्त पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को नौ साल जेल में बिताने के बाद सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। साल 2008 में हुए इस विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायाधीश आरके अग्रवाल और न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने पुरोहित को इस हिदायत के साथ सशर्त जमानत दी कि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे।
पुरोहित ने शीर्ष अदालत से कहा कि आज तक उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए और महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम के तहत लगाए गए आरोप उन पर से हटा लिए गए हैं।
उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह जेल में नौ साल से हैं और इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।
पुरोहित ने 25 अप्रेल के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने इस मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को तो जमानत दे दी थी, पर पुरोहित की याचिका खारिज कर दी थी।
महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी। जांच एजेंसियों ने पूर्व में इस विस्फोट के तार दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत से जोड़े थे।