लखनऊ। उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने गुरुवार को करारा झटका देते हुए पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक हत्याकाण्ड में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए राजा भैया और अन्य को प्रथम दृष्टया आरोपी मान लिया है।
सीबीआई की विशेष अदालत के जज मनोज कुमार सिंह ने प्रतापगढ में कुण्डा के पुलिस उपाधीक्षक रहे जिया उल हक हत्याकाण्ड में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए राजा भैया और उनके रिश्तेदार अक्षय प्रताप सिंह और तेरह अन्य को आगामी तीन अक्टूबर को न्यायालय में तलब किया है।
सीबीआई ने पिछले वर्ष ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी जिसके खिलाफ दिवंगत पुलिस उपाधीक्षक की पत्नी परवीन आजाद ने आपत्ति की थी। अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए राजा भैया और अन्य को प्रथम ²ष्टया आरोपी माना है।
गौरतलब है कि दो मार्च 2013 को कुण्डा क्षेत्र के बलीपुर गांव में सुरेश यादव उनके प्रधान भाई की हत्या के बाद उग्र भीड़ ने पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक को मार डाला था।
पुलिस उपाधीक्षक की पत्नी परवीन आजाद ने अपने पति की हत्या का आरोप राजा भैया और उनके समर्थकों पर मढा था। आरोप लगने के बाद राजा भैया को मंत्रिमण्डल से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में परवीन आजाद की मांग पर पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।