नई दिल्ली। आम तौर पर हॉलीवुडया बॉलीवुड में सीक्वल देखने कोमिलते हैं लेकिन क्रिकेट के मैदान में ऎसा पहली बार हुआ है कि किसी टीम ने अपने पिछले प्रदर्शन का सीक्वल बनाया हो और यह उपलब्धि टीम इंडिया ने इंग्लैंड दौर में अपने नाम कर ली है।
भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में वर्ष 2011 में इंग्लैंड दौरे में 0-4 की पराजय झेली थी और उसके बाद अब 2014 में धोनी की अगुवाई में ही 1-3 की पराजय झेली है। इन दोनों पराजयों में भारतीय प्रदर्शन में काफी समानताएं दिखाई देती है और ऎसा लगता है कि 2014 का दौरा वर्ष 2011 के दौरे का सीक्वल है। इन दोनों दौरों में फर्क सिर्फ इतना ही है कि 2011 में भारत चारों टेस्ट हार गया था लेकिन इस बार उसने पांच टेस्टों में से एक मैच जीत लिया।
इन दोनों दौरों में भारतीय खिलाडियों खासतौर पर बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो लगेगा कि तीन साल बाद पिछले प्रदर्शन की पुनरावृति हुई है। वर्ष 2011 में राहुल द्रविड भारत की ओर से एकमात्र सफल बल्लेबाज रहे थे तो इस बार यह श्रेय मुरली विजय को गया। द्रविड़ ने तब तीन शतकों की मदद से भारत की ओर से सर्वाधिक 461 रन बनाए थे जबकि विजय ने एक शतक और दो अर्द्धशतकों की मदद से भारत की ओर से सर्वाधिक 402 रन बनाए।
द्रविड उस समय सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में तीसरे स्थान पर रहे थे तो इस बार विजय भी तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2011 में इंग्लैंड की ओर से केविन पीटरसन ने सर्वाधिक 533 रन और इयान बेल ने 504 रन बनाए जबकि इंग्लैंड के जोरूट ने इस बार 518 और गैरी बैलेंस ने 503 रन बनाए। 2011 में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 34.12 के औसत से 273 रन, वीवीएस लक्ष्मण ने 22.75 के औसत से 182 रन, सुरेश रैना ने 13.12 के औसत से 105 रन और गौतम गंभीर ने 17.00 के औसत से 102 रन बनाए थे।
अभिनव मुकंद ने 16.00 के औसत से 64 रन और वीरेंद्र सहवाग ने 10.25 के औसत से 41 रन बनाए। उस सीरीज में कप्तान धोनी ने 31.45 के औसत से 220 रन बनाए और वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में पांचवें स्थान पर रहे। 2014 को देखा जाए तो अजिंक्या रहाणे ने 33.22 के औसत से 299 रन, भुवनेश्वर कुमार ने 27.44 के औसत से 247 रन, चेतेश्वर पुजारा ने 22.20 के औसत से 222 रन, रवींद्र जडेजा ने 22.12 के औसत से 177 रन और विराट कोहली ने 13.40 के औसत से 134 रन बनाए।
शिखर धवन ने 20.33 के औसत से 122 रन, स्टुअर्ट बिन्नी ने 23.60 के औसत से 118 रन, रविचंद्रन अश्विन ने 35.33 के औसत से 106 रन और गौतम गंभीर ने 6.25 के औसत से 25 रन बनाए। धोनी ने 34.90 के औसत से 349 रन बनाए और वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में चौथे स्थान पर रहे। गेंदबाजी में भी 2011 और 2014 में काफी समानताएं रही। भारत के पिछले दौरे में जहां स्टुअर्ट ब्राड ने सर्वाधिक 25 विकेट लिए थे वहीं इस बार जेम्स एंडरसन ने सर्वाधिक 25 विकेट लिए।
ब्राड ने इस बार 19 विकेट और एंडरसन ने 2011 में 21 विकेट लिए। वर्ष 2011 में मेरठ के प्रवीण कुमार 15 विकेटों के साथ सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे थे तो इस बार मेरठ के ही भुवनेश्वर कुमार 19 विकेटों के साथ सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे। वर्ष 2011 की सीरीज में भारत ने आखिरी दोनों मैच पारी के अंतर से गंवाये थे तो 2014 में भी टीम इंडिया के साथ यही स्थिति रही। भारत ने 2011 में तीसरा टेस्ट पारी और 242 रन से तथा चौथा टेस्ट पारी और आठ रन से गंवाया था जबकि इस वर्ष भारत ने चौथा टेस्ट पारी और 54 रन से तथा पांचवां टेस्ट पारी और 244 रन से गंवाया। Lik