नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के पहले ही साल नरेंद्र मोदी ने 130 साल पुरानी कांग्रेस को हाशिये पर डाल कर केंद्र और कई राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में पहुंचाया और देश-विदेश हर जगह मोदी मोदी की गूंज सुनाई दी। ऎसे में यदि जाते हुए इस साल को मोदी साल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंबे अर्से से विपक्ष में बैठी भाजपा को अकेले अपने बूते केन्द्र तथा कई राज्याें में सत्ता मे लाकर राष्ट्रीय राजनीति में अपना सिक्का जमाया और पार्टी में अपना राजनीतिक कद इतना ऊंचा कर लिया कि आज कोई उनके आसपास भी नजर नहीं आता। लोकसभा चुनाव में मोदी के रथ पर सवार होकर भाजपा ने 282 सीटों के साथ ऎतिहासिक जीत हासिल की और पहली बार अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में आई।
इस साल जितने भी राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए वहां भी मोदी ही भाजपा के स्टार प्रचारक रहे और जम्मू कश्मीर को छोड़कर इन सभी राज्यों में वह अपनी पार्टी की सरक ार बनाने में सफल रहे। जम्मू कश्मीर में भाजपा नंबर दो बन कर उभरी है और वहां भी सरकार बनाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने आम चुनावों में उत्तर प्रदेश के प्रभारी और अब पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को मैन आफ द मैच बताया था लेकिन पूरे साल के प्रदर्शन को देखा जाए को मोदी को मैन आफ द सीरीज कहा जा सकता है।
मोदी ने पिछले साल 15 सितंबर से ही देशभर में जनसभाएं करनी शुरू कर दी थीं, जिनमें भारी भीड़ उमड़ी। उन्होंने धुआंधार प्रचार अभियान से चुनाव प्रचार का रिकार्ड बना डाला। भाजपा का दावा है कि उन्होंने आम चुनाव में प्रचार के दौरान देशभर में तीन लाख किलोमीटर से अधिक दूरी तय की और 25 राज्यों में 437 जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने अपनी पहली रैली पिछले साल 15 सितंबर को हरियाणा के रेवाडी में की और उनकी यह प्रचार यात्रा दस मई को पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया में आयोजित रैली के साथ समाप्त हुई। इस दौरान वह सोशल मीडिया पर भी छाए रहे और उनका स्टाइल भी काफी चर्चित हुआ।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले सात महीने में विदेशी मोर्चे पर सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। मोदी ने इस दौरान नौ विदेशी दौरे किए और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठनों की शिखर बैठकों में हिस्सा लिया। विदेशों में भी उनका जादू देखने को मिला और वह जहां भी गए प्रवासी भारतीयों ने उन्हें हाथोंहाथ लिया। मोदी ने कूटनीति का नया अंदाज पेश करते हुए अपने शपथग्रहण समारोह में दक्षेस के नेताओं को आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने विदेशों में हिंदी में भाष्ाण देकर अपनी छाप छोड़ी।
सितंबर में अपनी अमरीका यात्रा के दौरान उन्होंने अपनी वाक्पटुता से न केवल अमरीका बल्कि विश्वभर के नेताओं को प्रभावित किया। संयुकत राष्ट्र महासभा को हिंदी में सबोधित करते हुए उन्होंने जहां पाकिस्तान को करारा जवाब दिया वहीं पूरे विश्व को योग, आयुर्वेद और वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। न्यूयार्क के मेडिसिन स्क्वायर में मोदी का सुपरस्टार जैसा स्वागत हुआ। उन्हें सुनने के लिए वहां करीब 20 हजार लोग जमा थे। इसी तरह आस्ट्रेलिया के सिडनी और मेलबर्न में भी उनका शानदार स्वागत हुआ।
लोकसभा चुनावों के बाद हुए विधानसभा चुनावों में भी मोदी ने पार्टी के प्रचार का जिम्मा खुद ही उठाया। यह मोदी की लोकप्रियता का ही असर था कि पार्टी ने कई राज्यों में अप्रत्याशित जीत दर्ज की। अक्टूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में भी मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला। महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना के साथ 25 साल पुराना गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव मैदान में उतरी और उसने सबसे ज्यादा सीटें हासिल कीं।
हरियाणा में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर पहली बार सरकार बनाई। इसके बाद झारखंड और जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से साबित होता है कि मोदी का जादू अब भी कायम है। झारखंड में पहली बार भाजपा गठबंधन को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ। जम्मू कश्मीर में भी पार्टी को सबसे अधिक वोट मिले। हालांकि पार्टी कश्मीर घाटी में खाता नहीं खोल पाई लेकिन पीर पंजाल के इस पार जम्मू क्षेत्र में भाजपा ने अधिकतर सीटें जीत लीं और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।