अजमेर। वर्ष 2015 भी पिछले वर्षों की भांति दुर्घटनाओं, आत्महत्या करने वालों, हत्या का शिकार होने वालों तथा अन्य विभिन्न हादसों में जान गंवाने वालों से ओतप्रोत रहा।
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल की मोर्चरी (मुर्दाघर) के आंकडे बता रहे हैं कि 30 दिसम्बर 2015 तक 944 मृतकों के पोस्टमार्टम किए जा चुके हैं। जिनमें विभिन्न हादसों में मरने वालों समेत जहरखुरानी, जहर खाकर, फांसी लगाकर, रेलगाडी की चपेट में आकर तथा हत्या व अन्य संदिग्ध कारणों से मरने वाले लोग शामिल हैं।
अस्पताल तथा पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एमएलसी के तहत 944 लोगों के शवों का पोस्टमार्टम अजमेर व नागौर, भीलवाडा आदि जिलों की पुलिस ने कराए हैं। इनके अलावा भी कई अन्य लोगों के शव भी मृत अवस्था में अस्पताल लाए गए थे।
लेकिन उनके परिजन ने मौत पर किसी प्रकार की शंका जाहिर नहीं करके अस्पताल से शव बगैर पोस्टमार्टम के प्राप्त किए थे, इस प्रकार शव प्राप्त करने में संबंधित पुलिस की अनुमति भी मृतकों के परिजन ने नियमानुसार ली थी। जिनका आंकडा लगभग पचास से अधिक है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो नागौर जिले में गत वर्ष जमीनी विवाद में घर में सोये परिवार पर फायर करने से हुई लक्की खान की हत्या काफी दिनों तक चर्चाओं में रही थी, बाद में पुलिस ने इस हत्याकाण्ड में लक्की खान के ही परिवार के सदस्य को गिरफ्तार करके हत्याकाण्ड का राजफाश किया था।
इसके अलावा पुलिस हिरासत में हुई विकेश गौड की मौत भी काफी चर्चा का विषय बनी थी जिसमें नागौर जिले का बोराडा थाना सस्पेंड किया गया था और कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था।
इनके अलावा शहर के पुष्कर रोड स्थित मित्तल हॉस्पीटल में चिकित्सकों की कथित लापरवाही से हुई पंचशील निवासी बुजूर्ग सिख की मौत चर्चाओं का विषय बनी थी, जिसके तहत निजी अस्पताल के चिकित्सकों के खिलाफ मृतक के परिजन ने क्रिश्चियन गंज थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था, बाद में चिकित्सकों ने भी मृतक के परिजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी जांच अब भी जारी है।
अचेत होकर आए जहरीली वस्तु के प्रभाव में आने अथवा जहरीली वस्तु का सेवन करके अचेत हुए 350 लोगों को वर्ष 2015 में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल भर्ती कराया गया। उक्त मामलों में रेलगाडियों व रोडवेज बसों तथा कुख्यात अपराधी आनन्दपाल सिंह द्वारा विषाक्त मिठाई खिलाकर अचेत किए गए पुलिस कर्मी भी शामिल थे।
बलात्कार के 113 मामले
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2015 में महिलाओं, बालिकाओं के साथ बलात्कार किए जाने की 113 वारदातें घटित हुई हैं। जिनमें पोस्को के मामलों की संख्या इस वर्ष काफी बढी है, जबकि विवाहिताआें के साथ भी बलात्कार के मामले जिले के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। सभी मामलों में संबंधित पुलिस द्वारा अधिकांश आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। कुछ मामले अब भी अनुसंधान में बताए जा रहे हैं।
लड़ाई झगड़ों व हादसों में घायल हुए दो हजार
इसी प्रकार जिले में हुई मारपीट व विभिन्न हादसों की घटनाओं में घायल होने वालों की संख्या अब तक 2072 दर्ज हुई है, जिनमें मंगलवार को तारागढ पर दो गुटों में हुई मारपीट में घायल भी शामिल हैं। जबकि अधिकांश मामले सडक दुर्घटनाओं में होने वाले घायलों के बताए जा रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि इस वर्ष सडक दुर्घटनाओं में कमी नहीं हुई है, पुलिस की सजगता और ऑपरेशन मदमस्त तथा रात आठ बजे बाद राज्य में शराब बिक्री पर पाबंदी के कारण इस साल भी सडक़ हादसों में मरने वालों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कम दर्ज की गई है।