नई दिल्ली। 12वें दक्षिण एशियाई खेल 2016 (ओसी-एसएजी) की आयोजन समिति ने आज आईटीए सांस्कृतिक केन्द्र माचखोआ, गुवाहाटी, असम में आयोजित एक समारोह में प्रतीक चिन्ह और शुभंकर का अनावरण किया।
6 से 16 फरवरी, 2016 तक गुवाहाटी और शिलॉग के सुंदर शहरों में संयुक्त रूप से यह खेल आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई, केन्द्रीय युवा मामले और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सर्बानंद सोनोवाल तथा मेघालय के खेल मंत्री जेनिथ संगमा भी उपस्थित थे।
अनावरण समारोह में ओसी-एसएजी ने वालंटियर कार्यक्रम की भी शुरूआत की, जो आम जनता के लिए खुला है। अनावरण समारोह के बाद असम बाइकर्स ग्रुप के मोटरसाइकिल चालकों ने शुभंकर को लेकर पूरे शहर का दौरा किया। इस कार्यक्रम में श्रीमंत शंकरदेव कला क्षेत्र, गुवाहाटी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति भी दी।
12वें दक्षिण एशियाई खेलों में 6 फरवरी से 16 फरवरी, 2016 तक 23 विधाओं में 8 देशों के करीब 4500 खिलाड़ियों और अधिकारियों के शामिल होने की आशा है।
इस वर्ष जुलाई में ओसी-एसएजी ने 12वें एशियाई खेल के प्रतीक चिन्ह और शुभंकर का डिजाइन तैयार करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की थी। यह वर्ष में दो बार होने वाला बहु-खेल कार्यक्रम है। प्रत्येक श्रेणी की करीब 450 प्रविष्टियों में से प्रतीक चिन्ह और शुभंकर का चयन किया गया है। कोल्हापुर के अनंत खसबरदार और एनआईएफटी पटना के अभिजीत कृष्णा ने क्रमशः शुभंकर और प्रतीक चिन्ह डिजाइन प्रतियोगिता जीती है।
प्रतीक चिन्ह में 8 पंखुड़िया हैं, जो 12वें दक्षिण एशियाई खेलों में प्रतिभागी देशों को दर्शाते हैं। ये पंखुड़ियां घड़ी की दिशा में आगे बढ़ती हुई दिखाई देती हैं, जिससे खेल की सकारात्मक भावना प्रदर्शित होती है। प्रतीक चिन्ह यूरोप में प्राचीन समय के दौरान खेल विजेताओं को सिर पर पहनाए जाने वाले मुकुट के समान है।
खेलों के शुभंकर का नाम तिखोर है, जो 12वें दक्षिण एशियाई खेल 2016 का ब्रांड एम्बेसडर है। तिखोर तेज, शरारती, खेल प्रेमी और आधुनिक है। वह सब क्षेत्रों में दक्ष, सक्रिय, ऊर्जावान और बच्चों के बीच लोकप्रिय है। पारम्परिक और खेलों की वेशभूषा से सज्जित वह सभी खेल खेलता है और खेलों में सभी नये विचार का स्वागत करता है। वह क्षेत्र के खेल प्रेमियों के लिए प्रेरक, मित्र और पारिवारिक है।