अजमेर। अजमेर दरगाह बम विस्फोट मामले के दोषी आरोपियों को सजा सुनाए जाने का मामला दो दिन के लिए और टल गया है। सीबीआई की विशेष अदालत अब 18 मार्च को सजा सुनाएगी।
गुरुवार को इस मामले में सजा तय किए जाने के बिन्दुओं पर चर्चा हुई। सीआरपीसी और यूएपीए के सेक्शन को लेकर दोनों पक्षों में बहस हुई। इस दौरान कोर्ट परिसर में दोनों आरोपी देवेन्द्र गुप्ता और भावेश पटेल मौजूद रहे।
एनआईए के एडवोकेट अश्विनी शर्मा ने कहा कि बम ब्लास्ट मामले में मुख्य षड़यंत्रकारी में शामिल होने के कारण इन दोनों आरोपियों को अन लॉ फुल एक्टिविटीज प्रिविन्सन एक्ट की धारा 18 के तहत सजा सुनाई जाए, लेकिन बचाव पक्ष के एडवोकेट जे एस राणा का कहना था कि सीआरपीसी के सेक्शन के तहत सजा तय की जाए।
इसी बीच दोनों पक्षों को दरखास्त सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों पक्षों से नजीरें पेश करने के लिए कहा। वकीलों को 18 मार्च तक का समय दिया गया है कि वे अपनी अपनी अपीलों को लेकर नजीरें पेश करे।
माना जा रहा है कि अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिविन्सन एक्ट के सेक्शन 18 के तहत सजा दी जाए तो कम से कम उम्रकैद और अधिकतम सजा मृत्युदंड का प्रावधान है जबकि सीआरपीसी के सेक्शन के तहत सजा तय की जाएगी तो न्यूनतम सजा पांच साल की कैद और अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है।