बेंगलुरु। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिए जाने के बीच नीति आयोग ने कहा है कि अगले तीन साल के भीतर क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम और पीओएस मशीनों की जरूरत खत्म हो जाएगी।
प्रवासी भारतीय दिवस 2017 के एक सेशन के दौरान नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘फाइनैंशल टेक्नॉलजी और सोशल इनोवेशन दोनों ही मामलों में भारत बहुत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। इस व्यापक सोशल इनोवेशन की बदौलत भारत एक लंबी छलांग लगाएगा। मेरा मानना है कि 2020 तक आगामी दो-ढाई सालों में देश में इन सभी डेबिट कार्ड्स, क्रेडिट कार्ड्स, एटीएम मशीनों और पीओएस मशीन पूरी तरह अप्रासंगिक हो जाएंगे।’
उन्होंने कहा, ‘भारत में इन सभी चीजों की जरूरत नहीं रह जाएगी। भारत इस बारे में लंबी छलांग लगाएगा और हर भारतीय महज तीस सेकंड्स के भीतर अपने अंगूठे के इस्तेमाल से ट्रांजैक्शन कर रहे होंगे।’ कांत यूथ प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान ‘स्टार्टअप्स ऐंड इनोवेशन्स विच हैव सोशल इंपैक्ट इन इंडिया’ विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम जिस चीज को व्यापक तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं वह डिजिटल पेमेंट है और इसकी वजह से इनोवेशन के तरीकों में काफी बदलाव आएगा।’
कांत ने इस बात की तरफ भी इशारा किया कि सिर्फ भारत ही एक ऐसा देश है जहां एक अरब से ज्यादा मोबाइल फोन और बायोमीट्रिक है। उन्होंने हाल में जारी ‘भीम’ ऐप और ‘आधार’ के जरिये होने वाली भुगतान प्रणाली का जिक्र किया।
कांत ने कहा कि भारत व्यापक तौर पर नकदी से चलने वाली अर्थव्यवस्था रही है लेकिन अब यहां एक अरब के करीब मोबाइल ग्राहक हैं और इतने ही बायोमीट्रिक भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत है।