नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को रहस्योद्घाटन किया कि देश में 22 फर्जी विश्वविद्यालय हैं और इस संबंध में राज्यों को जांच कर ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पूरक सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यूजीसी के अनुसार 22 विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्हें फर्जी विश्वविद्यालयों की यूजीसी सूची में रखा गया है। ये विश्वविद्यालय देश के विभिन्न भागों में यूजीसी कानून, 1956 के खिलाफ या उसका उल्लंघन कर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक नौ फर्जी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं। दिल्ली में पांच और पश्चिम बंगाल में दो ऐसे संस्थानों का पता लगा है। इसके अलावा बिहार, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और ओडिशा में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं।
मंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे मामले की जांच करें और इन फर्जी विश्वविद्यालयो के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और यूजीसी ने अपनी जिम्मेदारी के तहत राज्यों को अवगत करा दिया है और कानून व्यवस्था राज्य का विषय होने के तहत अब कार्रवाई उन्हें ही करनी है।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों ने संकेत दिया है कि वे कार्रवाई करेंगे। उन्होंने सदन में सदस्यों का भी आह्वान किया कि अगर उनकी जानकारी में कोई संदिग्ध गतिविधि वाला संस्थान है तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने छात्रों को ऐसे संस्थानों से सतर्क करने के लिए ‘नो योर कालेज’ नाम से एक पोर्टल की शुरूआत की है। इससे छात्र आसानी से पता लगा सकेंगे कि उनका कालेज मान्यताप्राप्त है या नहीं।