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after 22 years sadanandan master wearing rss uniform
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22 साल बाद पहना गणवेश, पथ संचलन में लेंगे हिस्सा

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22 साल बाद पहना गणवेश, पथ संचलन में लेंगे हिस्सा
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नई दिल्ली। केरल के कन्नूर के रहने वाले सदानंदन मास्टर ने हाल ही में संघ के गणवेश में बदलाव के बाद 22 साल बाद संघ का गणवेश पहना। 22 साल पहले माकपा के कार्यकर्ताओं ने उनकी दोनों टांगे काट दी थी जिसके बाद वह कई सालों तक संघ का गणवेश नहीं पहन सके।

हाल ही में संघ ने जब अपने गणवेश में निकर के स्थान पर पैंट रख्रने का फैसला किया तब उन्होंने 22 सालों में पहली बार संघ का गणवेश पहना और वह विजयादशमी को होने वाले पथ संचलन में भाग भी लेंगे।

संघ के सह प्रचार प्रमुख जे नंदकुमार ने ट्वीटर पर उनकी तस्वीर शेयर की है। जिसमें सदानंदन ने कहा कि वह भी आगामी विजयादशमी को देशभर में संघ की ओर से होने वाले पूर्ण गणवेश के पथ संचलन में भाग लेंगे।

केरल के कन्नूर निवासी सदानंद मास्टर को हाल ही में भाजपा ने कोथूपाराम्बा से अपना उम्मीदवार चुना था। 25 जनवरी 1994 में उनकी बहन की सगाई होने वाली थी।

उसी समय एक दिन जब वह अपने रिश्तेदार के यहां से लौट रहे थे तभी मास्टर को कुछ लोगों ने घेर लिया और बाद में उनकी दोनों टांगे काट दी।

एक साम्यवादी विचारों वाले परिवार से जुड़े सदानंदन कॉलेज के दौरान साम्यवादियों से जुड़े रहे। बाद में उन्हें लगा की इन विचारों में कमियां हैं और संघ का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद उनके राज्य के लिए बेहतर विकल्प है।

इस दौरान मातृभूमि में छपे एक लेख से प्रेरित होकर संघ के स्वयंसेवक बने। वर्तमान में वह सरकारी सहायता से चल रहे स्कूल में अध्यापक हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संघ ने अपने गणवेश में बदलाव किया है। संघ के गणवेश में काली टोपी, सफेद कमीज़, ब्राउन बेल्ट, खाकी निकर, जुराब और फीते वाले काले जूते शामिल हैं।

अब खाकी निकर की जगह ब्राउन पैंट और उसी रंग की जुराब शामिल की गई है। 11 अगस्त को होने वाले विजयदशमी कार्यक्रम में इस बार नए गणवेश के साथ संघ के स्वयंसेवक पथ संचलन (मार्च) करेंगे।