नई दिल्ली। अमरीका के वेस्टर्न केंटकी विश्वविद्यालय में इसी साल कम्प्यूटर साइंस प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले 25 भारतीय छात्रों को बाहर निकाल दिया है।
विश्वविद्यालय ने इन छात्रों को दूसरे संस्थानों में दाखिला लेने या फिर भारत लौट जाने का फरमान सुनाया गया है। यह फरमान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
अमरीका के समाचार पत्र ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार संस्थान ने इन छात्रों पर दाखिला के मानकों पर खरे नहीं उतरने का आरोप लगाया है। छात्र कम्प्यूटर प्रोग्राम के बारे में लिखने में असमर्थ हैं इसलिए यह फैसला लिया गया है।
दरअसल विश्वविद्यालय ने छात्रों को जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद ली थी, जिन्होंने विज्ञापन के जरिए छात्रों को लुभाया और इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय से प्रति छात्र की दर से राशि भी अदा की गई थी।
विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान पाठ्यक्रम के अध्यक्ष जेम्स गैरी के अनुसार करीब 40 छात्र विश्वविद्यालय के प्रवेश मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
अखबार के मुताबिक 60 में से 35 छात्रों के प्रवेश में कोई गड़बड़ी है और वो यूनिवर्सिटी से पढ़ाई से करेंगे जबकि 25 छात्र को कैंपस छोड़ना पड़ेगा।
गैरी के अनुसार छात्रों को विषय में बने रहने की अनुमति देना अच्छा धन गलत जगह लगाने जैसा होगा क्योंकि वे कम्प्यूटर प्रोग्राम के बारे में लिखने में असमर्थ हैं जो पाठ्यक्रम का जरूरी हिस्सा है।
वहीं वेस्टर्न केन्टकी विश्वविद्यालय के भारतीय छात्र संघ के अध्यक्ष आदित्य शर्मा ने छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि मुझे उन स्टूडेंट्स के लिए बुरा लग रहा है। वे काफी पैसा खर्च करके इतनी दूर आए हैं।