नई दिल्ली। राजनीतिक सभा का मंच हो अथवा कोई दूसरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम जन को अपने संवाद से जोड़ने का हुनर बखूबी जानते हैं।
इसी तरह जब भी प्रधानमंत्री जब आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ करते हैं तो वह खुद से जोड़ते हुए वह उन लोगों का जिक्र करना नहीं भूलते जिनका काम उन्हें पसंद आया हो अथवा जिनकी सलाह उन्हें भा गई हो।
रविवार को भी मोदी ने पूर्व की भांति ‘मन की बात’ करते हुए चार लोगों का जिक्र किया। सबसे पहले उन्होंने शोभा जालान का जिक्र किया जिन्होंने नरेंद्र मोदी ऐप्प पर लिखा था कि बहुत सारी पब्लिक इसरो की उपलब्धियों के बारे में जागरूक नहीं है, और इसलिए प्रधानमंत्री को अपने कार्यक्रम के दौरान 104 सैटेलाइट के लांच और इंटरसेप्टर मिसाइल के बारे में कुछ जानकारी देनी चाहिए।
मोदी ने शोभा की बात मानते हुए इन दोनों उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। जालान के बाद से मोदी ने अपने ‘मन की बात’ में तीन और लोगों का जिक्र किया जिन्होंने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की लकी ग्राहक योजना के तहत इनाम जीता है।
इतना ही नही, इन तीनों ने प्रधानमंत्री के ऐप्प पर कैशलेस व्यवस्था के प्रचार प्रसार और उसको बढ़ावा देने के लिए अपनी ओर से किए गए कार्यों का जिक्र किया है।
प्रधानमंत्री कहा कि, मैसूर से संतोष ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए नरेंद्र मोदी ऐप्प पर लिखा है कि उन्हें ‘लकी ग्राहक योजना’ के तहत एक हज़ार रुपये का पुरस्कार मिला, लेकिन सबसे बड़ी बात जो उन्होंने बताई है वो ये कि उन्होंने अपने एक हज़ार रुपए एक ग़रीब वृद्धा को दे दिए जिसके घर में आग लग गई थी, सामान जल गया था।
मोदी ने संतोष के इस काम की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली के 22 वर्षीय कार चालक सबीर नोटबंदी के बाद डिजिटल कारोबार से जुड़ गए और सरकार की ‘लकी ग्राहक योजना’ में एक लाख रुपए का इनाम जीता।
अब वो इस योजना के बारे में अपने सभी पैसेंजरों को डिजिटल लेनदेन के फायदे और इसकी जानकारी देते रहते हैं। महाराष्ट्र की पूजा नेमाड़े का भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जिक्र हुआ।
प्रधानमंत्री ने बताया कि, पूजा परास्नातक की छात्रा हैं और वह रुपे कार्ड, ई-वैलेट का उपयोग उनके परिवार में कैसे हो रहा है और इसको करने में कितना आनंद आ रहा है, इसका अनुभव अपने साथियों से साझा करती रहती हैं।
‘मन की बात’ में पीएम ने इसरो को सराहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) को 104 सैटेलाइट एकसाथ अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि इस प्रयास के लिए हम वैज्ञानिकों और उनकी पूरी टीम को जितनी बधाइयां दें उतनी कम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सारे अभियान का नेतृत्व, हमारे युवा वैज्ञानिक, हमारी महिला वैज्ञानिकों ने किया है। युवाओं और महिलाओं की इतनी ज़बरदस्त भागीदारी इसरो की सफलता में एक बड़ा गौरवपूर्ण पहलू है। वह देशवासियों की तरफ़ से इसरो के वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मंगल ग्रह पर ‘मार्स मिशन’ ‘मंगलयान’ भेजने की कामयाबी के बाद, अभी पिछले दिनों इसरो ने अन्तरिक्ष के क्षेत्र में एक विश्व रिकॉर्ड बनाया। 15 फ़रवरी 2017 भारत के जीवन में गौरवपूर्ण दिवस है। हमारे वैज्ञानिकों ने विश्व के सामने भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है।
इसरो ने मेगा मिशन के ज़रिये एक साथ विभिन्न देशों, जिसमें अमेरिका, इज़राइल, कज़ाकस्तान, नीदरलैंड, स्विट्ज़रलैंड, यू.ए.ई. और भारत भी, 104 सैटेलाइटस अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉच किए हैं। एक-साथ 104 सैटेलाइट को अन्तरिक्ष में भेजकर इतिहास रचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि यह लगातार 38वां पीएसएलवी का सफल लॉच है। यह न केवल इसरो के लिये बल्कि पूरे भारत के लिये एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसरो का यह सस्ता एवं कुशल अंतरिक्ष कार्यक्रम सारी दुनिया के लिये एक अजूबा बन गया है और विश्व ने खुले मन से भारत के वैज्ञानिकों की सफलता को सराहा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने इसरो द्वारा छोड़े गए भारत के सैटेलाइट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कार्टोसेट 2डी के माध्यम से खींची हुई तस्वीरों, संसाधनों की मैपिंग, ढांचागत जानकारी, विकास का आकलन, शहरी विकास की योजना बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
ख़ास कर किसान भाई-बहनों के लिए देश के सभी जल स्रोत में कितना जल है और उसका उपयोग कैसे हो सकता है, क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए इन सारे विषयों पर सेटलाइट बहुत मदद करेगा।
‘मन की बात’ में मोदी ने महिला शक्ति को जमकर सराहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बेटियों उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा है कि, वे खेल और अंतरिक्ष समेत हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन कर रही हैं। रविवार को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने महिला शक्ति की जमकर सराहना की।
उन्होंने कहा कि खेल का मैदान हो या अंतरिक्ष विज्ञान का क्षेत्र, हमारे देश की महिलायें किसी से पीछे नहीं हैं । क़दम से क़दम मिला करके आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन कर रही हैं। पिछले कुछ दिनों में एशियाई रग्बी सेवेंस ट्रॉफी हमारी महिला खिलाड़ियों ने रजत पदक जीता, उन सभी खिलाड़ियों को मैं ढेर सारी बधाइयां देता हूं।
मोदी ने कहा कि 8 मार्च पूरा ‘विश्व महिला दिवस’ मनाता है। भारत में भी बेटियों को महत्व देने, परिवार और समाज में उनके प्रति जागरूकता बढ़े, संवेदनशीलता बढ़े। उन्होंने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ ये अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि यह तेजी से से आगे बढ़ रहा है। आज ये सिर्फ़ सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा है। ये एक सामाजिक संवेदना और लोकशिक्षा का अभियान बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि तमिलनाडु राज्य के कुड्डालोर ज़िले ने एक विशेष अभियान के तहत बाल-विवाह पर रोक लगाई। अब तक क़रीब 175 से ज़्यादा बाल-विवाह रोके जा चुके हैं। ज़िला प्रशासन ने ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के अंतर्गत क़रीब-क़रीब 55-60 हज़ार से ज्यादा बेटियों के बैंक अकाउंट खोले हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में समस्त विभागों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ में जोड़ा है और ग्राम-सभाओं के आयोजन के साथ-साथ ज़िला प्रशासन द्वारा अनाथ बच्चियों को गोद लेना, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करना, इसके भरपूर प्रयास हो रहे हैं।
मोदी ने बताया कि, मध्य प्रदेश में ‘घर-घर दस्तक’ कार्यक्रम के अंतर्गत गाँव-गाँव घर-घर बेटियों की शिक्षा के लिये एक अभियान चलाया जा रहा है। वही, राजस्थान ने ‘अपना बच्चा, अपना विद्यालय’ अभियान चला करके जिन बालिकाओं ने बीच में पढ़ाई छोड़ी थी, उनको पुनः स्कूल में भर्ती कर पढ़ने के लिए प्रेरित करने का अभियान चलाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, जब हम 8 मार्च को ‘महिला दिवस’ मनाएंगे तब हमारा एक ही भाव होगा। इस भाव को मोदी ने दो पंक्तियों के जरिए यूं बयान किया, महिला, वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज़्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है।