नई दिल्ली। दिल्ली की एक स्थानीय अदालत 2जी स्पेक्ट्रम मामले में 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि मैंने मामले से संबंधित फाइलें देख ली हैं और अब इस पर 21 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाया जाएगा।
कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान 2008 में दूरसंचार विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन में कथित तौर पर अनिमितता हुई थी, जिसका 2010 में कैग की रिपोर्ट के बाद व्यापक स्तर पर खुलासा हुआ।
कैग ने कहा था कि दूरसंचार कंपनियों को कौड़ियों के भाव 2जी लाइसेंस बांटे गए, जिससे सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि अयोग्य कंपनियों को लाइसेंस दिए गए। इनमें ऐसी कंपनियां शामिल थीं, जिन्होंने तथ्यों को छुपाया, आधी-अधूरी जानकारी दी, और झूठे दस्तावेज जमा कराए।
तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा इस घोटाले का चेहरा बन गए थे। राजा के अलावा अन्य आरोपियों में डीएमके की राज्यसभा सांसद कनिमोझी और करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल भी शामिल हैं।
इन आरोपों पर राजा का कहना है कि उनका न्याय प्रणाली पर विश्वास है। कनिमोझी ने कहा कि देखते हैं। जब न्यायाधीश सैनी ने फैसले की तारीख का ऐलान किया, उस समय ये सभी अदालत में मौजूद थे।
फिलहाल, सभी आरोपी जमानत पर हैं। अदालत ने मंगलवार को सभी आरोपियों को फैसले के दिन पेश होने का आदेश दिया है। इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने की है।
सीबीआई के मुताबिक डी.राजा दूरसंचार कंपनियों को 2जी मोबाइल एयर वेव्ज और लाइसेंसों के आवंटन को लेकर पक्षपाती थे, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।
सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, स्वान टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के बदले डीबी समूह से कलैगनर टीवी को 22 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए।
ईडी ने धनशोधन (मनी लांड्रिंग) के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया, जिसमें राजा, कनिमोझी, डीएमके सुप्रीमो एम.करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल और अन्य के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया, जिसके बदले 200 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत दिए गए।
अदालत 2जी मामले में एस्सार और लूप के खिलाफ 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एस्सार समूह के प्रमोटर्स स्पेक्ट्रम के वास्तविक निवेशक और लाभार्थी थे, जबकि लाइसेंस लूप टेलीकॉम को जारी किए गए।
एस्सार और लूप के प्रमोटर्स पर स्पेक्ट्रम लाइसेंस हासिल करने के लिए सरकार के साथ धोखाधड़ी करने को लेकर मुकदमा चल रहा है। हालांकि, सभी आरोपियों ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है।