वॉशिंगटन। अमरीका में तीन भारतीयों ने अपने स्कूल लाभ के लिए छात्र वीजा और वित्तीय सहायता फर्जीवाड़े की साजिश रचने के आरोपों को कबूल कर लिया है।
आरोपी सुरेश हीरानंदानी और ललित तथा अनीता छाबड़िया ने मैनहट्टन स्थित संघीय अदालत में ये आरोप स्वीकार किए।
इन तीनों आरोपियों ने वीजा फर्जीवाड़े की साजिश के मामले में अमरीका सरकार को 74 लाख डॉलर और छात्र वित्तीय सहायता फर्जीवाड़े से अमरीकी शिक्षा विभाग को हुए नुकसान के लिए दस लाख डॉलर का जुर्माना देने पर भी सहमत हो गए।
इस मामले में इसी वर्ष के सितबंर माह में तीनों को दस साल तक की कैद हो सकती है। समीर हीरानंदानी और सीमा शाह के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप लंबित हैं।
मैनहट्टन के अमरीकी अटॉर्नी प्रीत भराड़ा ने कहा कि तीनों ने अपने वित्तीय फायदे के उद्देश्य से हमारे देश के छात्र वीजा और घरेलू छात्र वित्तीय सहायता कार्यक्रम का फायदा उठाने के लिए अपने स्कूलों को फर्जीवाड़े के साधन में तब्दील कर दिया।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा फर्जीवाड़ा हमारी निगरानी की उच्च प्राथमिकता में है और हम उन सब पर अभियोग चलाएंगे जो अपने फायदे के लिए जालसाजी करते हैं।
गौरतलब है कि सुरेश हीरानंदानी और ललित छाबड़िया तथा अनीता छाबड़िया को सह प्रतिवादियों समीर हीरानंदानी और सीमा शाह के साथ मई 2014 में गिरफ्तार किया गया था।
अमरीकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन की गृह सुरक्षा जांच (आईसीई-एचएसआई) के बाद इन लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।