नई दिल्ली। केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को यहां कहा कि अगर अघोषित आय का 50 फीसदी कर के रूप में जमा कराया जाता है तो आयकर विभाग आय के स्रोत के बारे में नहीं पूछेगा।
उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत कर देने वालों पर संपत्ति कर और अन्य प्रकार के कर नियम लागू नहीं होंगे| हालांकि इस योजना के तहत फेमा, पीएमएलए, नारकोटिक्स और कालाधन से जुड़े नियमों से छूट नहीं मिलेगी। सरकार कालेधन के खिलाफ अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए जल्द ही नए कर ढांचे को लाने जा रही है।
सरकार ने नए आयकर संशोधन विधेयक को संसद के पटल पर रखा है। नोटबंदी के बाद से देशभर के बैंकों में जमा हुई अघोषित आय पर टैक्स वसूलने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में इनकम टैक्स संशोधन विधेयक पेश किया।
इसमें अघोषित आय पर 30 प्रतिशत कर, 10 प्रतिशत जुर्माना और 33 प्रतिशत अधिभार का प्रावधान है। यानि अघोषित आय का 50 प्रतिशत सरकार के खाते में जाएगा।
साथ ही चार साल के लिए आय का 25 प्रतिशत धन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा कराना होगा, जिसपर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसके अलावा विमुद्रीकरण के बाद यदि आयकर विभाग को अघोषित आय का पता चलता है तो उस पर 75 प्रतिशत कर और 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।
हंसमुख अधिया ने कहा कि पहले अघोषित आय का पता चलने पर, संबंधित व्यक्ति के इसे स्वीकार कर लेने पर और कर जमा करा देने पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगता था| अब इसे बढ़ाकर 85 प्रतिशत कर दिया गया है ताकि लोग कालाधन रखने से डरें।
अधिया ने कहा कि विधेयक के पास होने के बाद आय घोषित करने की अंतिम तिथि घोषित की जाएगी| संभावना है कि यह 30 दिसंबर ही होगी। इसके साथ ही विमुद्रीकरण के बाद बैंक खातों में 2.5 लाख तक की राशि जमा कराने पर मिलने वाली छूट को भी हटा लिया गया है।
अब हर उस खाते पर आयकर विभाग की नज़र होगी जिसमें जमा कराई गई राशि संदेहास्पद होगी। आयकर विभाग अब खुले तौर पर यह देख पाएगा कि बैंक खातों में जमा कराया गया धन कहीं अघोषित संपत्ति का हिस्सा तो नहीं।
साथ ही परिवार के सभी सदस्यों के खातों को एक साथ जोड़कर देखा जाएगा। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक अगर 2.5 लाख रूपए परिवार के अलग-अलग खातों में जमा कराया जाता है तो उसपर भी नज़र रखी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री ने अचानक कैबिनेट बैठक बुलाकर इनकम टैक्स बिल में सुधारों को मंजूरी दी थी।