नई दिल्ली। मध्य अफ्रीकी देश कॉन्गो गणराज्य के पूर्वी क्षेत्र गोमा में मंगलवार को एक ज़बरदस्त बम धमाके में एक बच्चे की मौत हो गई और भारतीय शांति सेना के 32 सैनिक घायल हो गए। ये सभी सैनिक कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के झंडे तले वहां शांति स्थापित करने के लिए तैनात थे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वह कॉन्गो बम धमाके की स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रही है ताकि घायलों को सर्वोत्तम उपचार उपलब्ध कराया जा सके।
सुषमा ने ट्वीट कर कहा कि व्यक्तिगत रूप से कॉन्गो बम धमाके की स्थिति की निगरानी कर रही हूं।
हमारा मिशन है कि सभी घायलों को सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित कराया जा सके। सुषमा ने भारतीय सेना के हवाले से बताया कि धमाके में हुए घालयों की जान को कई खतरा नहीं है।
जानकारी के अनुसार ये सभी भारतीय सैनिक केशएरो शहर में मंगलवार सवेरे गश्त लगा रहे थे जब यह बम धमाका हुआ। बम धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
मध्य अफ्रीकी देश कॉन्गो (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो–डीआरसी) में संयुक्त राष्ट्र संगठन का स्थिरीकरण मिशन (मोनसक) तैनात है और 2005 से भारतीय सैनिक उसके सदस्य हैं। कुछ समय पूर्व तक कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अध्यक्ष भारतीय लेफ्टनंट जनरल चंद्र प्रकाश थे।
विश्व के विभिन्न देशों में, विशेषकर अफ्रीकी देशों में, जहां गृह युध्द चल रहा होता है और शांति स्थापित करने की आवश्यकता होती है, सबसे ज़्यादा भारतीय सैनिक संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के सदस्य हैं। अभी तक भारत ने 43 देशों में लगभग 180,000 जवान संयुक्त राष्ट शांति सेना के झंडे तले शांति स्थापित करने के लिए तैनात किये हैं।
कॉन्गो के राष्ट्रपति जोसफ कबीला, जो एक समय पर वहां के जाने माने नेता रहे हैं, अब विवादों में घिर चुके हैं और विपक्ष का आरोप है कि वह अनैतिक तरीके से सत्ता पर बने रहना चाहते हैं। इस कारण वहां अस्थिरता आ गई है और एक गृह युध्द की संभावना बढ़ गयी है। फलस्वरूप वहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा मोनसक तैनात किया गया है।