रायपुर/जगदलपुर/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से अगवा किए गए चार पुलिसकर्मियों की नक्सलियों ने जनअदालत में गोली मारकर हत्या कर दी।
अगवा किए गए पुलिस कर्मियों के शव बुधवार सुबह गुदमा गांव के बाहर स्थित सड़क से बरामद किए गए। चारों पुलिसकर्मियों को 13 जुलाई की दोपहर अगवा किया गया था।
पुलिसकर्मियों के शव के पास नक्सलियों ने पर्चा भी फेंका है, जिसमें जवानों पर सलवाजुडूम अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेेने एवं ग्रामीणों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए गए हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक के.एल. ध्रुव ने कहा कि अगवा पुलिस कर्मियों की बेरहमी से हत्या कर नक्सलियों ने एक बार फिर अपनी क्रूरता दिखाई है। नक्सलियों के लगातार आत्मसमर्पण से बौखलाए नक्सली अपनी दहशत कायम रखने के लिए इस तरह की कायराना हरकत कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बीजापुर जिले के बेदरे थाना में तैनात चार आरक्षी तीन जुलाई की दोपहर कुटरू से बेदरे के लिए रवाना हुए थे। दो जवान बस में सवार हुए थे, जबकि दो अपनी मोटरसाइकिल से बेदरे जा रहे थे।
पुलिस आरक्षियों के बेदरे जाने की भनक नक्सलियों को लग गई और उन्होंने बीच जंगल में बस को रोककर, उसमें सवार दोनों आरक्षियों को नीचे उतार लिया। इसी बीच मोटरसाइकिल पर सवार दो अन्य आरक्षी भी वहां से गुजरे।
नक्सलियों ने मोटरसाइकिल सवार आरक्षियों को भी रोक लिया और बंदूक की नोक पर सभी चारों आरक्षी जयराम यादव, मंगलू सोढ़ी, तेलाम राजू एवं मज्जी रामा को अगवा कर लिया और जंगल की ओर ले गए।
शव के समीप नक्सलियों की नेशनल पार्क एरिया कमेटी ने पर्चा फेंका है। पर्चे में लिखा है कि जनअदालत में जयराम यादव, मंगलू सोढ़ी, तेलाम राजू एवं मज्जी रामा ने सहायक आरक्षी के पद पर पुलिस में भर्ती होने के बाद जनता से मारपीट करना, घरों को जलाने, बच्चे, बूढ़े, मां व बहनों के साथ छेड़छाड़ करने और नक्सली विरोधी अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी की बात स्वीकारी की है, इसीलिए उन्हें जनता ने मौत की सजा दी है।
पुलिस अधिकारियों की मानें तो जवानोंं को बगैर एरिया डॉमिनेशन के कहीं पर भी आने-जाने से मना किया गया है। बावजूद इसके जवान मनमानी कर अपने घर या अन्य स्थानों पर चले जाते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक नक्सली हमेशा जवानों को निशाना बनाते रहते हैं। मौका मिलते ही हथियार के बल पर उनका अपहरण लेते हैं। कुछ जवानों की हत्या कर दी जाती है तो कुछ को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। ऐसे मनमानी करने वाले जवानों से पुलिस अधिकारी परेशान हैं। बार-बार गलतियों के बाद भी जवान सबक नहीं ले रहे जिसके चलते उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
अपहृत एक जवान का सुराग नहीं
ज्ञात हो कि तीन दिनों पूर्व सुकमा जिले के पोलमपल्ली इलाके से भी नक्सलियों ने एक सहायक आरक्षी माड़वी सोमा को अगवा किया था, जिसका अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।