वाशिंगटन। भारत में स्थित कॉल सेंटर के जरिए पहचान बदलकर की गई धोखाधड़ी और धन शोधन मामले में भारत के चार और पाकिस्तान के एक नागरिक ने जुर्म कबूल कर लिया है। अमरीका के न्याय मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
भारतीय नागरिकों 32 वर्षीय राजूभाई पटेल, 33 वर्षीय दिलीप कुमार, 53 वर्षीय अम्बल पटेल- और पाकिस्तान के 25 वर्षीय फहद अली ने अमरीकी प्रांत टेक्सास के दक्षिणी जिले के जिला न्यायाधीश डेविड हिटनर के समक्ष धन शोधन की साजिश रचने की बात कबूल कर ली।
भारत के ही एक अन्य नागरिक 31 वर्षीय हार्दिक पटेल ने इससे पहले दो जून को इसी अदालत में टेलीफोन के जरिए वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप कबूल कर लिया था।
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न्याय मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि पांचों अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाए जाने की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
अदालत के समक्ष दो जून को जुर्म कबूल करते हुए दिए गए बयान के मुताबिक हार्दिक ने अमरीका जाने से पहले भारत में स्थित कॉल सेंटर से धोखाधड़ी की साजिश में दैनिक गतिविधियों के प्रबंधन की बात स्वीकार की है।
भारत में रहने के दौरान हार्दिक अपने सह-अभियुक्तों के साथ ईमेल, टेक्स्ट मैसेज और अन्य तरीकों से संपर्क में रहता था और साजिश से संबंधित संदेशों का आदान-प्रदान करता था।
पाकिस्तान का फहद अली टेक्सास के दक्षिणी जिले, इलिनॉयस, शिकागो और अमेरिका के अन्य हिस्सों में साजिश में शामिल दल के सदस्य के तौर पर काम कर रहा था।
फहद ने स्वीकार किया है कि वह साजिश में शामिल एक अन्य अभियुक्त के चालक के तौर पर नौकरी शुरू की थी और बाद में वह भी साजिश में शामिल हो गया।
इस मामले में अब तक 56 अन्य लोगों और भारत में स्थित पांच कॉल सेंटरों के खिलाफ साजिश में संलिप्तता के आरोप लगे हैं।