इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में गुरुवार को प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से संबंधित चार आतंकवादियों को फांसी पर लटका दिया गया।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह लगातार दूसरा दिन है, जब समूह से संबंधित आतंकवादियों को फांसी पर लटकाया गया।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस से जारी बयान के मुताबिक ये आतंकवादी सैदू शरीफ हवाई अड्डे पर हमला करने, निर्दोष नागरिकों की हत्या करने, सशस्त्र बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला करने सहित आतंकवाद से जुड़े अपराधों में भागीदारी के लिए दोषी ठहराए गए थे।
इस्लामी नेता की हत्या का आरोपी अरेस्ट
पाकिस्तान में एक इस्लामी समूह के नेता की 2003 में हत्या के मामले के आरोपी को गुरुवार को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह कतर जाने वाले विमान में सवार होने के लिए हवाईअड्डे पहुंचा था।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने मिल्लत-ए-इस्लामियाके पूर्व प्रमुख मौलाना आजम तारिक की हत्या के आरोप में सिब्तैन काजमी को गिरफ्तार किया। मिल्लत-ए-इस्लामिया को अब प्रतिबंधित अहले सुन्नत वल जमात के नाम से जाना जाता है।
डॉन की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक काजमी का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में था। काजमी को एफआईए अधिकारियों ने इस्लामाबाद हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया। वह दोहा के रास्ते मैनचेस्टर भागने की फिराक में था।
तारिक को अक्टूबर 2003 में इस्लामाबाद में तीन हमलावरों ने उनकी कार पर एके-47 राइफलों से गोलीबारी कर मार डाला था। तारिक को 40 गोलियां लगी थीं। इस हमले में कार में सवार सभी पांच लोग मारे गए थे।
तारिक पहले अंजुमन सिपाह-ए-सहाबा संस्था के अध्यक्ष थे, जिसका नाम बाद में बदलकर सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान और फिर मिल्लत-ए-इस्लामिया कर दिया गया। इसे अब अहले सुन्नत वल जमात के नाम से जानते हैं जिस पर प्रतिबंध लगा हुआ है।