राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे धर्म जागरण समन्वय विभाग ने यह समारोह आयोजित कर इन मुस्लिम परिवारों को बाकायदा हिन्दू धर्म में वापसी की घोषणा की। एक दो दिन में इनका नया नाम रख दिया जाएगा।
संघ के स्वयंसेवक राजेश्वर सिंह के अनुसार मधुनगर क्षेत्र के करीब 200 मुस्लिम परिवार सनातन धर्म में आने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह करीब पांच हजार मुस्लिम और ईसाई अलीगढ़ में 25 दिसम्बर को सनातन धर्म की दीक्षा लेंगे।
अलीगढ में यह समारोह माहेश्वरी कालेज में आयोजित किया जाएगा। धर्म परिवर्तन के बाद सभी 57 मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों पर भगवा झण्डा लगा लिया। उन्होंने माथे पर टीका लगाया और प्रसाद भी खाए।
संघ और बजरंग दल के लोगों ने बाद में इन्हें मंत्र दिया। संघ के अनुसार इन्हें जल्द ही इनके नए नाम से मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे। धर्म परिवर्तन ने बाद 40 वर्षीय शारिफा ने अपने पूत्रवधू अफसा के साथ एक मंदिर में पूजा अर्चना की। उसने मंदिर में काली प्रतिमा की भी स्थापना की।
76 वर्षीय सूफिया बेगम का कहना है कि वह कुरान पढ़ने के साथ ही पंचवक्ता नमाजी हैं। उसने गणेश आरती भी पढ़ी है। दोनों धर्मो के मूल तत्व में बहुत ज्यादा अन्तर नहीं है। उसने कहा कि संघ के लोगों ने आश्वस्त किया है कि वे उन्हें और उसके परिवार की रहने खाने की बेहतर व्यवस्था करेंगे। बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़वाएंगे इसलिए उसे धर्म परिवर्तन करने पर कोई दुख नहीं है।
दूसरी ओर समारोह का आयोजन करने वालों पर लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया जा रहा है। मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष नजमुल हसन का कहना है कि ये परिवार गरीब हैं और इन्हे लालच दिया गया है।
ताजनगरी आगरा में 57 मुस्लिम परिवारों के धर्म परिवर्तन कर सनातन धर्म अपना लेने पर राजनीतिज्ञों और üधर्माचार्यो ने बचते बचाते प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दोनों वर्गो से जुडे लोगों का मत है कि जबरन धर्म परिवर्तन नहीं होना चाहिए। यह धर्म परिवर्तन यदि जबरन करवाया गया है तो इसमें राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।
मुस्लिम धर्मगुरू खालिद राशिद फरंगी महली का आरोप है कि यह धर्मपरिवर्तन जबरन कराया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए। जबरन धर्मपरिवर्तन कराया गया हो तो राज्य सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंंसेवक संघ का बडे पैमाने पर धर्म परिवर्तन कराने की योजना है। आगामी 25 दिसम्बर को इस योजना को मूर्तरूप दिया जाना है। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।