इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जज के साथ चैम्बर में घुसकर मारपीट करने व दुव्र्यवहार कर उन्हें अपमानित करने पर उरई (जालौन) के सात वकीलों को छह महीने के कारावास की सजा दी है।
कोर्ट ने सभी दोषी वकीलों पर दो हजार रूपया हर्जाना भी लगाया है तथा आदेश दिया है कि 23 सितम्बर से एक साल तक वे न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं करेंगे।
इन सभी सात वकीलों पर आरोप था कि उरई के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार शुक्ला के चैम्बर में घुसकर 20 नवम्बर 14 को उनके साथ न केवल दुर्वव्हार किया, अपितु उनसे मारपीट कर उन्हें अपमानित किया था।
वकीलों को कारावास की सजा आज न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति शशिकांत की खण्डपीठ ने सुनाई। उरई के जिन सात वकीलों को छह माह की कारावास की सजा कोर्ट ने दी है उनमें प्रद्युम्न कुमार श्रीवास्तव, ज्ञानेन्द्र सिंह रजावत, सुरेन्द्र दीक्षित, कर्मक्षेत्र अवस्थी, आफताब अहमद, उदयशंकर द्विवेदी व पंकज गुप्ता के नाम शामिल हैं।
जज के चैम्बर में 20 नवम्बर 2014 को घटी घटना की रिपोर्ट वहां के जज ने हाईकोर्ट को सीधे भेज दी थी तथा कार्रवाई की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर आरोपी वकीलोें को नेाटिस जारी किया था तथा उसका पक्ष सुनने के बाद उन्हें छह माह की कारावास की सजा सुनाई है।
सजा के बाद वकीलों की इस अर्जी पर कि उन्हेें इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति दी जाए, कोर्ट ने सजा के अमल पर दो माह तक रोक लगा दी हैै।
मामले के अनुसार उरई के वकील 20 नवम्बर 14 को न्यायिक कार्य से विरत थे इसी दिन जज से काम न करने को लेकर विवाद हुआ तथा मामला उनके चैम्बर में जाकर मारपीट में तब्दील हो गया।