शिमला। शिमला नगर निगम की 34 सीटों पर शुक्रवार को 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। मतदान प्रतिशत थोड़ा और बढ़ने की संभावना है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। दोपहर बाद बारिश के कारण मतदान थोड़ा धीमा हुआ।
एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। शाम 5.30 बजे तक 60 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका था और निश्चित तौर पर इसमें तीन से पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी।
शिमला नगर निगम चुनाव : देखें कौन कहां से जीता
निर्वासित तिब्बतियों ने भी चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चेन्नई तथा कोलकाता के बाद शिमला सबसे पुराना नगर निगम है।
शुरुआत में मतदान की गति काफी धीमी रही और पहले एक घंटे के दौरान मात्र पांच फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जो सुबह 10 बजे बढ़कर 15 फीसदी हो गया। अपराह्न दो बजे तक 45 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हालांकि बारिश के कारण अपराह्न तीन बजे के आसपास मतदान धीमा हो गया।
मतदान में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। 50 महिलाओं सहित कुल 126 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। मुख्य मुकाबला कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी के बीच है, लेकिन उम्मीदवारों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह् पर चुनाव नहीं लड़ा।
इस बार मतदाता केवल पार्षदों का चयन करेंगे, जबकि मई 2012 में हुए अंतिम चुनाव में उन्होंने महापौर तथा उपमहापौर का भी निर्वाचन किया था। जिस पार्टी के सबसे ज्यादा पार्षद जीतेंगे, वे महापौर तथा उपमहापौर पद के लिए आंतरिक रूप से चुनाव कराएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने 153 मतदान केंद्र बनाए थे। कुल 34 पार्षदों के निर्वाचन के लिए 91,000 से अधिक मतदाता मतदान के पात्र थे।
भाजपा ने 34 उम्मीदवारों का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस ने 24, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 21 उम्मीदवारों का समर्थन किया है। माकपा ने छह निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन किया। मतगणना शनिवार को होगी।
साल 2012 में माकपा ने केवल तीन पार्षदों की बदौलत 25 सदस्यीय सदन में शासन किया था। अधिकांश पार्षद कांग्रेस से थे। कांग्रेस 26 वर्षो तक निगम पर काबिज रही है।