पटना/देहरादून/लखनऊ। लगातार भूकंप के झटकों के बीच मरनेवालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक भूकंप के कारण 12 लोगों की मौत हो गई वहीं दर्जनों लोग घायल हो गए।
घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। 3 लोगों के मरने की आधिकारिक पुष्टि हुई है। राजधानी पटना के दानापुर में दीवार गिर गई इसमें व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं भूकंप के कारण भागने में घायल हुई युवती की भी मौत हो गई।
मोतिहारी में दीवार गिरने से 2 लोग घायल हो गए। मधेपुरा में हर्ट अटैक से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर में भगदड़ में 3 लोग घायल हो गए। सीवान में दीवार गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई वहीं एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए। दरभंगा में भूकंप के झटकों के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। पष्चिमी चंपारण में भूकंप के कारण मची भगदड़ में 4 व्यक्ति घायल हो गए। 2 घर भी गिर गया। समस्तीपुर के कल्याणपुर में एक मौत की खबर मिली है।
झटकों से थर्राया उत्तराखंड
उत्तराखंड मंगलवार दोपहर करीब 12.38 बजे अचानक ही भूकंप के तेज झटकों से थर्रा उठा। धरती में कंपन महसूस होते ही लोग भय के मारे घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके कश्मीर के श्रीनगर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भी महसूस किए गए।
धरती कांपने और भूकंप के कारण भयभीत लोग इधर उधर सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ पड़ें। कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल हो गया। बहुमंजिला इमारतों में से लोग हड़बड़ाकर नीचे की ओर भागे। सड़कों पर और खाली जगहों पर लोगों का जमावड़ा हो गया।
रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई और इसका केंद्र नेपाल के पास बताया गया है। देहरादून में लगभग दो मिनट तक झटके महसूस किए गए। हालांकि अभी तक कोई जानमाल की नुकसान की सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी जिलाधिकारियो को निर्देश दिए है कि भूकंप के सम्बंध में पूरी रिर्पोट तैयार कर शासन को अवगत कराए। यदि कहीं पर किसी भी प्रकार का कोई नुकसान पाया जाता है तो उसकी सूचना तुरन्त उपलब्ध कराई जाए। साथ ही जिला स्तर पर सभी आपदा प्रबंधन इकाईयों को अलर्ट रखा जाए।
हिमाचल में भी महसूस हुए भूकंप के झटके
शिमला। हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए जिससे राज्य के लोग दहशत में आ गए। रिएक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र एक बार फिर नेपाल रहा। दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके आए। शिमला और सोलन सहित अन्य जिलों में कुछ सेकंड के लिए झटके महसूस किए गए। इससे लोगों में हडक़ंप मच गया।
फिलहाल इस भूकंप से राज्य में किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। इससे पूर्व 25 अप्रेल को भी हिमाचल में भूकंप के झटके आए थे। गौरतलब है कि जोन पांच में होने के कारण हिमाचल प्रदेश को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। कांगड़ा, चम्बा, शिमला, किन्नौर और लाहौल-स्पिति जिलों में भूकंप का अधिक खतरा है। कांगड़ा जिले में वर्ष 1905 में आए उच्च तीव्रता के भूकंप से 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे।
यूपी में दो की मौत, कई घायल
लखनऊ। एक बार फिर से भूकंप के झटके ने कुछ समय के लिए पूरे प्रदेश को हिला दिया। यह झटका करीब 40 सेकेण्ड का था। भूकंप की चपेट में आने से हमीरपुर में एक मकान गिरी। जिसमें एक की मौत हो गई। वहीं, पांच से ज्यादा लोग घायल हो गए। दूसरी ओर भूकम्प के कारण महोबा में एक की मौत हुई।
भूकम्प से सहमें लोग सड़कों पर अपनी गाडिय़ां रोककर खड़े हो गए। इसका सबसे ज्यादा असर स्कूलों में देखने को मिला। जहां झटके महसूस होने के साथ ही टीचर, बच्चे और अन्य स्टॉफ बाहर की ओर भागते नजर आए। कई स्कूलों में फंक्शन चल रहे थे, उन्हें तुरंत बंद कर दिया गया।
भूकम्प के झटके लखनऊ के साथ-साथ कानपुर, इलाहाबाद, मैनपुरी, शामली, बलिया, बाराबंकी, देवरिया, जौनपुर, पीलीभीत, आजमगढ़, गाजीपुर, बस्ती, महाराजगंज, वाराणसी, मेरठ समेत पूरे प्रदेश में महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप के झटकों का यूपी की ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों पर कोई असर नहीं पड़ा।
रिहायशी मकान में लगी आग, अफरा-तफरी
वाराणसी। सिगरा थाना क्षेत्र के परेड कोठी क्षेत्र में मंगलवार को अपरान्ह लगभग 12.36 पर आए भूकम्प के दौरान एक रिहायशी मकान और होटल के नीचे के हिस्से में बने गोदाम में शार्ट सर्किट से आग लग गई। भूकम्प के झटकों और आग की वजह से उठ रहे विकराल धुआं से क्षेत्र में कोहराम मच गया।
इस दौरान भीषण आग को देख प्रथम तल में रहने वाले परिवार के लोग चीखने चिल्लाने लगे। किसी तरह क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें घर के बाहर सुरक्षित निकाला। इस दौरान आग घटना से वहां देर तक क्षेत्रीय लोगों में अफरा-तफरी मची रही। सूचना पाकर फायर बिग्रेड की दो गाडिय़ां भी मौके पर पहुंची।
घंटो मसक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया गया। मिली जानकारी के अनुसार परेड कोठी क्षेत्र के एक रिहायसी मकान निकट हिमालया होटल में रहने वाले सामान्य दिनों की तरह अपने कमरों में थे। अपरान्ह लगभग 12.36 पर जिस समय भूकम्प के झटके आ रहे थे। उसी दौरान ही मकान के निचले हिस्से में बने गोदाम में विद्युत शार्ट सर्किट से आग लग गई।