उज्जैन। सिंहस्थ कुंभ क्षेत्र में गुरुवार को आई तेज आंधी और बारिश ने कहर ढा दिया। देखते ही देखते मेला परिसर में कई टेंट उखड गए। तेज आंधी के साथ हुई बारिश ने सब कुछ तहस नहस कर डाला। इसी दौरान हुए हादसों में अब तक कुल 7 लोगों की मौत के समाचार मिले है।
गुरुवार शाम आंधी और हवा के साथ हुई तेज बारिश ने सरकार के साथ महंत, बाबाओं और आम जनता को इतना मौका तक नहीं दिया कि वे कुछ सोच पाते और सुरक्षा के मद्देनजर अपने लिए कुछ इंतजाम करने में सफल होते।
तेज हवाओं के साथ आई इस आंधी और बारिश ने एक झटके में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में इंतजामों को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन ने अभी तक 7 लोगों के मारे जाने तथा 100 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी दी है।
उधर, मंगलनाथ जोन में कई पंडाल गिर गए। कई पंडालों में पानी भर गया है। घायलों में 45 महिलाएं, 52 पुरुष और 7 बच्चे शामिल बताए गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतकों की संख्या में और अधिक इजाफा हो सकता है । मृतकों में जिन लोगों के नाम सामने आये हैं उनमें बातीबाई उम्र 55 वर्ष निवासी जिला इंदौर, प्रहलाद उम्र 60 साल निवासी जिला देवास और रूमल कौर निवासी फरीदाबाद हैं। अन्य के नाम अम्बा बाई, भगीरथ, ऋषीप्रसाद की जानकारी मिली हैं। बताया जाता है कि इनमें से कुछ लोग बिजली गिरने से मारे गए।
सिंहस्थ में आयी अचानक इस आपदा ने पंचक्रोशी में परिक्रमा कर रहे भक्तजनों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। यहां श्रृद्वालु परेशान होकर इधर से उधर भटकते देखे गए।
वहीं रामघाट पर ड्रेनेज की लाइन फूटने से शहर का गंदा पानी शिप्रा में मिलने गया है। जिसके कारण 6 मई को अमावस्या के अवसर पर होने वाले पर्व स्नान को लेकर प्रशासन के सामने मुश्किलें बढ़ गई हैं।
प्रशासन को जदोजहद कर पर्व के पूर्व तक क्षिप्रा में शुद्व पानी का बहाव बढ़ाना होगा, जिससे कि आंधी और तूफान के कारण ड्रेनेज की लाइन के साथ अन्य गंदा पानी जो क्षिप्रा में मिल गया है उसे बाहर किया जा सके।
प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके की स्थिति को देखते हुये मंगलनाथ में घाट खाली करा लिए हैं। मेला क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति करंट न फैले इसलिए बंद कर दी गई है।
ujjain kumbh as tents collapses after heavy rainfall
इस संबंध में उज्जैन के कलेक्टर कविंद्र कियावत का कहना है कि शहर में हालात सामान्य हैं। उनके अनुसार अधिकारिक रूप से इस आंधी और तूफान से दो मौतें हुई हैं। अन्य जानकारी एकत्र की जा रही है। शीघ्र ही आंधी तूफान से ध्वस्त व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा।