नई दिल्ली। एक मसौदा कानून के तहत नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही किसी व्यक्ति या संस्था को अंतरिक्ष या हवाई प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी भी भू-स्थानिक तस्वीर या भारत के किसी भी हिस्से से जुड़ी जानकारी के प्रसार से पहले एक सरकारी निकाय से अनुमति और लाइसेंस लेना अनिवार्य करने जा रही है।
सोशल मीडिया पर जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों को पाकिस्तान में और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्से को चीन में दिखाने वाले नक्शों को देखते हुए सरकार ये क़दम उठाने जा रही है।
हाल में ट्विटर पर कश्मीर को चीन में और जम्मू को पाकिस्तान में दिखाया गया था, जिसे भारत सरकार के विरोध के बाद सही किया गया था।
एक अंग्रेजी समाचारपत्र के अनुसार इसमें प्रावधान है कि अगर कोई सरकारी अनुमति के बिना ऐसा करता है तो उसपर एक करोड़ का जुर्माना और 7 साल की कैद हो सकती है। इसके जरिये सरकार भारत की भू-स्थानिक जानकारी के अधिग्रहण, प्रसार, प्रकाशन और वितरण को विनियमित करेगी।
बिल के मुताबिक, जो भारत की किसी जगह को लेकर जानकारी कानून से हटकर हासिल करेगा, उस पर एक करोड़ से लेकर 100 करोड़ तक का जुर्माना होगा या फिर सात सात ली सज़ा या फिर दोनों भी हो सकता है।
सरकार इसके लिए सुरक्षा पुनरीक्षण प्राधिकरण स्थापित करेगी। यह प्राधिकरण भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए “संवेदनशीलता चेक” भी करेगा। अधिनियम, हालांकि, भारत सरकार ने निकायों के लिए लागू नहीं होगा, दैनिक सूचना दी।