नई दिल्ली। गोपनीय ढंग से कर बचाकर सबसे ज्यादा धन विदेशों में जमा करने वाले नागरिकों के 180 देशों की सूची में भारत का स्थान 19वां है। यह खुलासा सोमवार को एक ताजा वैश्विक अन्वेषण की पहली रिपोर्ट में हुआ है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुखपृष्ठ पर बैनर बनी इस खबर में बताया गया है कि इंडियन कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट यानी आईसीजेआईजे की ओर से दुनियाभर में की गई जांच में 714 भारतीय नागरिकों के नाम हैं। इंडियन एक्सप्रेस इस अन्वेषण में भागीदार रहा है।
एक्सप्रेस के मुताबिक रोचक तथ्य यह है कि नंदलाल खेमका द्वारा स्थापित सन ग्रुप एक भारतीय कंपनी है जोकि 118 विदेशी संस्थाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एपलबाय का दूसरा सबसे बड़ा क्लाइंट है।
वित्तीय मामलों में यह अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय खुलासा है, जिसमें बरमूडा की एपलबाय और सिंगापुर की एसिया सिटी दो कंपनियां शामिल हैं, जिनके द्वारा दुनिया के धनी व शक्तिशाली लोगों, जिसमें भारतीय नागरिक भी हैं, विदेशों में अपना धन गुप्त रूप से रखने में मदद की गई है।
एक्सप्रेस ने बताया कि एपलबाय के भारतीय ग्राहकों में कई प्रमुख कॉरपोरेट्स और कंपनियां शामिल हैं, जो बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईएफ जैसी जांच एजेंसियों की जांच की जद में भी आई हैं।
इनमें सनटीवी-एयरसेल-मैक्सिस मामला, एस्सार-लूप टूजी मामला और एसएनएस-लवलीन, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन का नाम आया था, जिसे बाद में हटाया दिया गया, शामिल हैं।
इसके साथ-साथ राजस्थान का एंबुलेंस घोटाला, जिसकी जांच हाल ही में सीबीआई को सौंपी गई है और जिसमें जिक्विस्टा हेल्थकेयर (शुरुआत में सचिन पायलट ओर कार्ति चिदंबरम इनमें अवैतनिक व स्वतंत्र निदेशक थे), और ताजा वित्तीय खुलासे में जो लिंक सामने आए हैं, उनमें वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ सीबीआई का मामला शामिल है।
उधर, नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा का भी इसमें नाम आया है, क्योंकि वह पहले उमीदयार नेटवर्क से जुड़े थे। वहीं, माल्टा की ऑफशोर कंपनियों की सूची में भाजपा के राज्यसभा सदस्य आर.के. सिन्हा का भी नाम शामिल है। एक्सप्रेस की ओर से इस संबंध में पूछे जाने पर सिन्हा ने किसी प्रकार के कदाचार से इनकार किया है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट करके कहा कि अधिकारियों को पूरी जानकारी स्पष्टतौर पर दी गई है।
कॉरपोरेटों के अलावा इसमें कुछ व्यक्तिगत नामों का भी जिक्र है। बरमूडा कंपनी में अमिताभ बच्चन की हिस्सेदारी, कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और फिल्म अभिनेता संजय दत्त की पत्नी, जो अपने पूर्व नाम दिलनशीं से इस सूची में शामिल हैं।
एक्सप्रेस के मुताबिक पनामा पेपर्स के 18 महीने बाद पैराडाइज पेपर्स के एक करोड़ 34 लाख दस्तावेजों के गुप्तभंडार में कमी आई है। दोनों ही आंकड़े जर्मन समाचार पत्र सुडेशूशे जिटूं को मिले हैं।
भारत में इस कार्य को पनामा पेपर्स के साथ अंजाम दिया गया, जिसके तहत द एक्सप्रेस की ओर से दस महीनों से ज्यादा समय तक भारतीय नागरिकों व संस्थाओं के तथ्यों की जांच के बाद नतीजे सामने आए हैं। एक्सप्रेस ने कहा कि सोमवार से शुरू कर आगे 40 इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के रूप में इसे प्रकाशित किया जाएगा।
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