पलक्कड। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को केरल के एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में तिरंगा फहराया। जबकि प्रशासन का निर्देश था कि राजनीतिक हस्तियों को इसकी इजाजत नहीं है। माकपा और कांग्रेस ने इस घटना की निंदा की है।
जिला कलेक्टर और पुलिस ने कर्नाकेयमन स्कूल के प्रबंधन से कहा था कि चूंकि स्कूल राज्य से सहायता प्राप्त है, इसलिए केवल जन प्रतिनिधि या स्कूल का प्रमुख ही ध्वजारोहण कर सकते हैं, कोई राजनीतिक हस्ती नहीं।
यह स्कूल कथित तौर पर आरएसएस समर्थकों का है और उन्होंने भागवत को भारत के स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था।
पल्लकड के लोकसभा सदस्य और माकपा नेता एम. बी. राजेश ने कहा कि यह राज्य के कानून का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। केरल सरकार इस स्कूल का वित्त पोषण करती है। कायदे कानूनों का पालन किया जाना चाहिए। आज ऐसा नहीं हुआ।”
अलप्पुझा से लोकसभा सदस्य और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आरएसएस और भाजपा अपने छिपे एजेंडे को लागू कर रहे हैं।
लेकिन केरल भाजपा के महासचिव एम.टी. रमेश ने मीडिया को बताया कि आरएसएस प्रमुख कुछ समारोहों में शामिल होने के लिए पल्लकड में थे।
उन्होंने कहा कि वैसे भी, आरएसएस कोई राजनीतिक दल नहीं है और भागवत राजनीतिक हस्ती नहीं हैं। स्कूल के एक अधिकारी वी.के. मणि ने कहा कि इसमें स्कूल प्रशासन की कोई गलती नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर आदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि क्या किया जा सकता है। हमने नियमों का पालन किया है। सरकार हमें बताए कि क्या हमने किसी नियम या कानून का उल्लंघन किया है।