नई दिल्ली। नए साल पर मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक सातवां वेतन आयोग ने कर्मचारियों के वेतन में कुल 22 फीसदी बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है। इसमें 15 प्रतिशत बेसिक सेलरी पर और 25 फीसदी भत्तों में बढ़ोतरी शामिल है।
सातवां वेतन आयोग गुरुवार शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों को अच्छे दिन की पहली किस्त मिलने वाली है। सातवां वेतन आयोग केंद्र सरकार 1 जनवरी 2016 से लागू करने जा रही है। वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 55 लाख पेंशनर्स को मिलेगा।
ऐसा माना जा रहा है कि सातवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के तनख्वाह में 15 फीसदी का इजाफा करने की सिफारिश कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक 900 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रुप ए में आने वाली सभी सेवाओं को समानता पर लाने की सिफारिश की गई है। सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था और इसे 18 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था।
हालांकि, अगस्त में सरकार ने इसे चार महीने का विस्तार देकर दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। तमाम राजनीतिक दलों ने वेतन आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू करने की मांग की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान पर भी पड़ेगा। आपको बता दें कि सरकार हर दसवें साल वेतन आयोग का गठन करती है और राज्य सरकारें भी कुछ बदलावों के साथ आयोग की सिफारिशों को लागू करती हैं।
न्यायमूर्ति ए के माथुर की अगुवाई वाले वेतन आयोग के अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय, अर्थशास्त्री रथिन राय शामिल हैं। मीना अग्रवाल आयोग की सचिव हैं।
केंद्र सरकार प्रत्येक दस साल बाद अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिए वेतन आयोग का गठन करती हैं। आमतौर पर राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था।