नई दिल्ली। वित्तमंत्री ने अरुण जेटली ने शुक्रवार को चिंता जताई कि कुछ स्थानीय सरकारें अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए सरकारी विज्ञापन फण्ड का दुरूपयोग कर रही हैं, जिससे पत्रकारिता की निष्पक्षता प्रभावित हो रही है। जेटली ने कहा कि सोशल मीडिया ने आज मीडिया का इतना लोकतंत्रीकरण कर दिया है कि उस पर किसी भी प्रकार से अंकुश लगाना संभव नहीं रह गया है।
इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केन्द्र के तत्वावधान में शुक्रवार को आदि पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर प्रतिष्ठित नारद पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने वर्ष 2015-16 में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आठ पत्रकारों को सम्मानित किया। इनमें वरिष्ठ पत्रकार श्याम खोसला (लाइफ टाइम एचीवमेंट नारद सम्मान), मनमोहन शर्मा (उत्कृष्ट पत्रकार नारद सम्मान) और डॉ. शंकर शरण (उत्कृष्ट स्तंभकार नारद सम्मान) सम्मिलित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पत्रकारों और समाज की जिम्मेदारी है कि वो मीडिया माध्यमों का सही उद्देश्य के लिए प्रयोग करें। जेटली ने लाइफ टाइम एचीवमेंट नारद सम्मान पाने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्याम खोसला के पत्रकारिता में योगदान की प्रशंसा की और उनकी दीर्घायु की कामना की। जेटली ने उत्कृष्ट स्तंभकार के लिए नारद सम्मान से सम्मानित मनमोहन शर्मा के योगदान की भी सराहना की और अन्य सम्मानित पत्रकारों का अभिनन्दन किया।
डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नारद जी का जिस तरह से चरित्र-चित्रण हुआ है उससे उनकी छवि चुगलखोर और विदूषक की बन गई है, यह बहुत दुखदाई है। आज आवश्यकता है कि नारद का वास्तवित चरित्र समाज के सामने आए। डॉ. गुप्त ने कहा कि पत्रकारों का प्रेरणा स्रोत देवर्षि नारद होने चाहिये क्योंकि वह तीनों लोकों में वास्तविक समाचार तीव्र गति से पहुंचाकर समाज को सही दिशा देने का कार्य करते थे। नारद द्वारा सदेशों के प्रसार में कोई निजी हित अथवा किसी एक पक्ष का समर्थन नहीं रहता था। वह सभी के लिए निष्पक्ष पत्रकारिता करते थे।
डॉ. गुप्त ने कहा कि लोगों को परिष्कृत करने का भी दायित्व पत्रकारों का ही होता है। लोकतंत्र को सफल बनाने में पत्रकारों का योगदान सर्वोपरि है। लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारों का तथ्यात्मक और निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है।
इस देश में मुद्दों के आधार पर पत्रकारिता को आगे बढ़ाने पर विचार विमर्श की आवश्यकता है। आज पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ा संकट आर्थिक दबाव है, इससे उबरने के लिए पत्रकारों को देवर्षि नारद के चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिये और उनके विचारों पर अमल करने की जरूरत है, तभी वर्तमान पत्रकारिता स्वच्छ, स्वतंत्र एवं निडर हो सकेगी।
कार्यक्रम के आरम्भ में पत्रकारों को शाल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। लाइफ़टाइम अचीवमेंट नारद सम्मान से सम्मानित श्याम खोसला को एक लाख रूपए, उत्कृष्ट पत्रकारिता नारद सम्मान से अलंकृत मनमोहन शर्मा को 51 हजार रुपये एवं अन्य सम्मानित पत्रकारों को 11-11 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई।
श्रेष्ठ छायांकन के लिए उत्कृष्ट छायाकार नारद सम्मान स्व. रवि कन्नौजिया को मरणोपरांत प्रदान किया गया। इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष अशोक सचदेवा की तरफ से उनके परिवार को 21 हजार की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की गई।
आशीष कुमार ‘अंशु’ (उत्कृष्ट ग्रामीण पत्रकारिता नारद सम्मान), सय्यद सुहैल (उत्कृष्ट न्यूजरूम सहयोग), प्रफुल्ल कुमार (उत्कृष्ट डिजीटल मीडिया नारद सम्मान) और अभिरंजन कुमार (उत्कृष्ट सोशल मीडिया नारद सम्मान) को भी नारद सम्मान दिया गया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र के सचिव वागीश ईसर ने सभी अतिथियों का धन्यवाद कर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।