मथुरा। मथुरा के जिला अस्पताल में पिछले चार माह से भर्ती एक 8 वर्षीय बालिका को बीती रात एक दरिंदे ने हवस का शिकार बना डाला। जब पीडि़त बच्ची को दर्द की समस्या का सामना करना पड़ा तो वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्स ने बच्ची को दर्द की गोली देकर इतिश्री कर ली।
वहीं जब बच्ची को परेशानी ज्यादा बढी तो प्राथमिक शारीरिक परीक्षण में बलात्कार किये जाने जैसे मामले की पुष्टि हुई। घटना के सम्बन्ध में जब हाॅस्पीटल में चर्चा आम हुई तो घटना के सम्बन्ध में सीएमएस को अवगत कराया गया। घटना की जानकारी होने पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पंहुच गई।
घटनाक्रम के अनुसार पीडि़त 8 वर्षीय बालिका को रेलवे पुलिस द्वारा 21 मार्च को गंभीर हालत में स्टेशन के पास से उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बालिका का एक पैर का नीचे का हिस्सा कटा हुआ था। वहीं सिर पर खून व कई स्थानों पर चोटों के निशान थे।
जीआरपी पुलिस की मानें तो यह बालिका किसी ट्रेन से गिरी प्रतीत हो रही थी लेकिन इस बालिका के परिजनों के विषय में दो माह बीत जाने के बाद भी कोई जानकारी नहीं हो सकी और वह अस्पताल में ही भर्ती थी।
लावारिस बालिका को अस्पताल में तैनात स्टाफ व वार्ड व्याय आदि समय-समय पर खाने-पीने का सामान, कपड़े आदि देते रहते थे। बालिका मानसिक रूप से भी कुछ अक्षम प्रतीत हो रही थी। हालांकि वह अपना नाम खुद बता रही थी।
बोलने में सक्षम रहने के साथ परिजनों की जानकारी वह नहीं दे सकी। जब इस बालिका से रेप जैसी बात सामने आयी तो बालिका की पहचान के अनुसार अस्पताल में अक्सर आते-जाते रहने वाले असलम (22) पुत्र इस्लाम निवासी गोपाल पुरा को अस्पताल परिसर में ही पकड़ लिया।
बालिका की मानें तो असलम उसे वार्ड से टाॅफी देने के बाद गार्डन में ले गया था। वहीं उसने उसके साथ दुष्कृत्य किया। इंस्पैक्टर कोतवाली चन्द्रभान सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में सीओ सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने भी सीएमएस केपी गर्ग से पूछताछ कर मामले का संज्ञान लिया।
रिकाॅर्ड पर प्रश्नचिन्ह
साथ ही यहां के रिकार्ड के विषय में भी प्रश्नचिन्ह लग गये हैं। सीएमएस के अनुसार यह बालिका 15 मार्च को अस्पताल में भर्ती करायी गयी है जबकि स्टाफ नर्स का कहना है कि यह बालिका 21 मार्च को भर्ती करायी गयी थी। वहीं जब भर्ती करने की तारीखों में अंतर दिखा तो सीएमएस ने बताया कि उन्हें डाॅक्टर लाल सिंह द्वारा यह जानकारी दी गयी थी। बाद में इस गलती को रिकार्ड में ठीक कराये जाने का आदेश सीएमएस द्वारा अधीनस्थांे को दिया गया। इस तरह की बातों से साफ स्पष्ट है कि सरकारी रिकार्ड को भौतिक रूप से चैक किया जाये तो तमाम खामियां सामने आयेंगी।
असमाजिक तत्वों का जमावड़ा
जिला अस्पताल परिसर में शाम के वक्त ‘जाम’ लगाने वालों के साथ असमाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। यहां कुछ नशेबाज किस्म के लोग भी चिलमबाजी के साथ जाम लगाते हुए देखे जा सकते हैं। ये लोग अस्पताल परिसर में एकांत स्थान को ठिकाना बनाते हैं।
वहीं आवारा किस्म के लोग भी अस्पताल परिसर में मंडराते नजर आते हैं। इस ओर अस्पताल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। यह घटना भी इसी तरह की लापरवाही के कारण हुयी है। घटना में शामिल दरिंदा अस्पताल परिसर में किसी न किसी बहाने जाता रहा।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान
जिला अस्पताल में भर्ती लावारिस आठ वर्षीय बालिका के साथ हुयी बलात्कार की घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खोलकर रख दी है।