नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी की एक छात्रा से गैंगरेप के मामले में सबूतों के अभाव में नौ आरोपियों को बरी कर दिया।
2009 में एमबीए की छात्रा के साथ नोएडा में गैंगरेप हुआ था। स्पेशल जज शैल जैन ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं हैं। इस मामले का ट्रायल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा से दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ट्रांसफर किया गया था।
इस मामले का एक अभियुक्त पुष्पेन्द्र ऊर्फ टुईयां की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी जबकि एक अभियुक्त नाबालिग था।
दरअसल 5 जनवरी, 2009 को पीड़ित छात्रा अपने दोस्त के साथ नोएडा के जीआईपी मॉल से कार में लौट रही थी। उसे जबरन इन ग्यारह अभियुक्तों ने उतार लिया था जो क्रिकेट मैच खेलकर लौट रहे थे।
जब पीड़िता के दोस्त ने कार रोकी तो अभियुक्तों ने उसे नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव ले गए और उससे बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इस मामले की शिकायत पीड़िता के दोस्त ने नोएडा पुलिस से की थी।